छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक जैजैपुर के मैनेजर पर मनमानी का आरोप
जांजगीर-चाम्पा 08 जुलाई 2022/ जैजैपुर। ब्लाक मुख्यालय में स्थित संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक पर मनमानी का आरोप लगाते हुए लोगों ने ग्रामीणों ने अनुसार बैंकों में व्याप्त अव्यवस्थाओं और शाखा प्रबंधक की तानाशाही कार्यशैली के चलते यहां के उपभोक्ता काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हजारों खाता धारक बैंक में होने से लोगों को न चाहते हुए भी इसी बैंक से लेन देन करने की मजबूरी बन गया है। ग्रामीणों ने बताया कि अनेक ग्रामों का केन्द्र माने जाने वाले ग्राम जैजैपुर में संचालित इस ग्रामीण बैंक की शाखा की व्यवस्था प्रबंधन की मनमानी के चलते चरमरा गई है। हजारों खाते खुल चुके हैं कि बैंक प्रबंधन इन खातों का संचालन सही ढंग से नहीं कर पा रहा है। खामियाजा ग्रामीण उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। खातेदारों ने बताया कि उन्हें बैंक में आने के बाद अपना काम कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। बैंक भवन छोटा होने के कारण यहां ग्राहकों के लिए न तो बैठने की जगह है और न ही पेयजल की कोई व्यवस्था की गई है। उपभोक्ताओं को अपने ही जमा किए रुपए को निकालने, जमा करने या दूसरे कामों के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। भुगतान के साथ अन्य लेन देन में परेशानी हो रही है। यहां की परेशानी को देखते हुए अब लोग बैंक में नए खाता खोलने की जगह खाता खोलने लगे है। पास में बैंक होते हुए बेवजह उन्हें दूसरे बैंक में खाता खोलने पड़ रहा है। यहां की परेशानी को देखते हुए
ग्रामीणों को केसीसी के लिए बैंक की चक्कर
आपको बता दे कि इस बैंक की शाखा प्रबंधक की तानाशाही और किसानों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप किसानों ने लगाया है और किसानों को तीन माह से चार माह तक बैंक की चक्कर काट रहे है लेकिन किसानों को किसान क्रेडिट का लाभ नही मिल पा रहा है जो किसान पंद्रह से बीस साल से एक ही बैंक में केसीसी ले रहे है उनको भी इस बार लगातार बैंक बुलाने के बाद केसीसी नही दे रहे है और किसानों के साथ दुर्व्यवहार के साथ जहाँ शिकायत करना है कर लो हम किसी अधिकारी कर्मचारी से नही डरते जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है इस बैंक के शाखा प्रबंधक जब से बैंक में पदस्थ हुए है तब से लगातार किसान अपने आपको मानसिक रूप से परेशान हो रहे है जो समझ से परे हुए है
शाखा प्रबंधक को ऊची पहुच होने की किसानों को धमकी
आपको बता दे कि किसानों ने बताया कि जब भी बैंक के अधिकारी के पास जाते है सीधे मुह में बात नही करते ऐसा लगता है कि शाखा प्रबंधक की निजी पूंजी का कर्ज लिए हुए है इसके बर्ताव से खाताधारक बहुत ही परेशान नजर आ रहे है उच्च अधिकारी को जानकारी होने के बावजूद भी तबादला या कार्यवाही नही करना समझ से बाहर है