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आत्म अनुशासन एवं एकाग्रता साक्षात्कार में सफल होने का मूल मंत्र: कोमोडोर निर्मल।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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विद्यार्थियों में व्यक्तित्व का विकास करना संस्थान का मुख्य उद्देश्य: प्रो. ढींगरा।
कुवि के यूआईईटी संस्थान के लिट्रेरी क्लब द्वारा विद्यार्थियों की कला, तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यशाला का समापन।
कुरुक्षेत्र, 22 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान के लिट्रेरी क्लब द्वारा विद्यार्थियों की कला, तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार कोमोडोर संजय निर्मल ने विद्यार्थियों को साक्षात्कार में जाने के लिए प्रयोगात्मक करते हुए एक विद्यार्थी से लगभग 40 मिनट साक्षात्कार लिया। उन्होंने विद्यार्थियों को विषय से सम्बंधित कमियों का भी निदान किया। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में सफलता प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम आत्म अनुशासन एवं एकाग्रता को होना जरूरी है तथा यही सफलता का मूल मंत्र भी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी संचार कौशल विकसित करने के लिए संचार की स्पष्टता, दूसरों के साथ हमारे संबंध की गुणवत्ता, विश्वसनीयता व संप्रेषण करने की कुशल तकनीक अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि कई बार विद्यार्थी को विषय के बारे में सबकुछ पता होने के बावजूद भी वे विषय विशेषज्ञ के सामने हड़बड़ा जाते हैं। अतः साक्षात्कार के समय पूरी तरह से स्वस्थता, मानसिक दृढ़ता एवं सकारात्मकता बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही विद्यार्थी को अपनी कमियों को पहले दूर करने का अभ्यास करना चाहिए। विषय विशेषज्ञ आंखों के इशारे से भी आपकी अध्ययन प्रणाली एवं आत्मविश्वास को पहचान लेते हैं।
इस अवसर पर डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व यूआईईटी संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा ने कहा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के सभी पैमानों को विकसित करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करना ही संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। इसी कड़ी में यह विद्यार्थियों के लिए यह कार्यशाला एक उचित प्लेटफार्म का कार्य करेगी। इस प्लेटफार्म से हमारे विद्यार्थी आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम के साथ अधिक से अधिक लाभ उठा पाएंगे।
छात्रा कीर्ति ने कहा 40 मिनट हुए साक्षात्कार द्वारा मुझे ऐसा आत्मविश्वास मिला है कि भविष्य में किसी भी साक्षात्कार के लिए जाऊंगी तो असफल नहीं हो सकती। इसके लिए उन्होंने यूआईईटी संस्थान द्वारा पर आयोजित कार्यशाला के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे सभी छात्र लाभान्वित होंगे छात्र-छात्राओं को भी ऐसी कार्यशालाओं का फायदा उठाना चाहिए।
कार्यशाला की संयोजिका डॉ. अनुराधा व सह-संयोजिका डॉ. अमिता मित्तल व नेहा दुग्गल ने बताया की कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों के मन में बहुत सारे प्रश्न थे परंतु जब कार्यशाला के समापन पर विषय विशेषज्ञ कोमोडोर संजय निर्मल ने उनकी अंदर छिपी कमजोरियों को उजागर किया तो विद्यार्थियों में नया आत्मविश्वास एवं उर्जा का संचार हुआ है जिससे इसे पता लगता है कि कार्यशाला बड़ी सार्थक रही। इस अवसर पर डॉ. राजेश कालिया, डॉ. दिव्या भाटिया, शीशपाल, हरनेक सैनी व हरिकेश पपोसा के साथ विद्यार्थी मौजूद रहे।