देहरादून: आज उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में 3 सदस्य समिति की रिपोर्ट के आधार पर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान 228 बैक डोर भर्तियों को निरस्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा है रितु खंडूरी ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं पहला तो खुद के द्वारा गठित समिति किस स्थिति पर ऐसी नियुक्तियों को निरस्त करने का शासन को पत्र लिखा है दूसरी ओर वह यह भी स्पष्ट करने में कामयाब रही है कि डबल इंजन सरकार सरकार के दौरान ही शासन के द्वारा इन तदर्थ नियुक्तियों को अनुमोदित किया गया था रितु खंडूरी द्वारा एंगल पर लिए गए निर्णय की चर्चा और जोरों पर है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार जिसने खुद बैक डोर भर्तियों का अनुमोदन दिया था अब अपना फैसला पटेगी ,
देखिए क्या कहा रितु खंडूरी ने
विधान सभा अध्यक्ष के रूप में जांच समिति की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए वर्ष 2016 तक की 150 तदर्थ नियुक्तियों को, वर्ष 2020 की 06 तदर्थ नियुक्तियों को तथा वर्ष 2021 की 72 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया है।चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों को शासन का अनुमोदन प्राप्त है, अतः नियमानुसार इन तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये शासन का अनुमोदन लेना आवश्यक है। इन नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये अनुमोदन हेतु मैं शासन को तत्काल प्रस्ताव भेज रही हूँ। अनुमोदन प्राप्त होते ही नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियां तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।इसी प्रकार उपनल द्वारा की गयी 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर रही हूँ । विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मैने यह भी निर्णय लिया है कि इस पूरे प्रकरण में विधान सभा सचिव की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाए। जांच पूरी होने तक श्री मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है, तत्संबंधी आदेश जारी किये जा रहे है।जॉच समिति की रिपोर्ट में दी गयी विभिन्न सिफारिशों सुझावों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
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रितु खंडूरी के निर्णय पर क्या कहा धामी ने देखिए….
पूर्व में माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी को भेजे गए अनुरोध पत्र के क्रम में अनियमित विधानसभा भर्तियों पर कार्रवाई प्रदेश सरकार की सुशासन नीति को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी द्वारा विवादित भर्तियों को रद्द करना अत्यंत सराहनीय कदम है।
राज्य सरकार भविष्य में होने वाली भर्तियों में पूर्ण पारदर्शिता लाने हेतु एक कारगर नीति बनाने पर भी कार्य कर रही है।
ऋतु खंडूरी