आलू की बुवाई में जल्दीबाजी नहीं: अमरेन्द्र यादव
✍️ब्यूरो कन्नौज
कन्नौज। जनपद कन्नौज अनौगी ग्राम पंचायत के भवानीपुर गांव में विजय कुमार गुप्ता, कोटेदार खाद एवं रसद की अध्यक्षता मे आयोजन किया गया। डॉ अमरेंद्र यादव कृषि मौसम वैज्ञानिक ने मौसम आधारित/ संबंधित तकनीकी की जानकारी विस्तृत रूप में दिया। जिस में फसलों की इनपुट खासतौर पर सिंचाई कीट तथा रोग प्रबंधन, इंटर कल्चर खरपतवार नाशक, मैनेजमेंट इत्यादि पहलू को मौसम आधारित फसल सलाह को ध्यान में रखकर कृषकों को अपनी फसल का प्रबंधन करने की बात कही। साथ ही साथ भारत मौसम विज्ञान विभाग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा डिवेलप किए गए मेघदूत एप्लीकेशन की उपयोगिता, स्मार्टफोन में इंस्टॉलेशन तथा संचालन की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। किसानों को यह भी बताया गया कि अगले 28 सितंबर तक तक बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं इस परिवेश में आलू के किसानों को आलू की बुवाई हेतु जल्दी बाजी ना करने की सलाह दी। किसान भाइयों को आलू के खेत में संतुलित उर्वरक तथा खाद प्रबंधन के बारे में बताया गया जिसमे उर्वरक प्रयोग मृदा परीक्षण के परिणाम के अनुसार करें अन्यथा की स्थिति में प्रति एकड़ के हिसाब से 10 से 12 टन शुद्ध साड़ी गोबर की खाद आलू की बुवाई के 1 माह पूर्व खेत में मिलाएं तत्पश्चात आलू की बुवाई हेतु 140 किलो यूरिया, 90 किलो डीएपी 70 किलो पोटाश, 100 किलो जिप्सम तथा 10किलो जिंक प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। ध्यान रखें यूरिया की आधी मात्रा बुवाई के समय तथा शेष आधी मात्रा की दो स्प्लिट डोज बुवाई के 25 तथा 45 दिन पर सिंचाई के बाद जब खेत में पैर ना दबे तब प्रयोग करें। डॉ सी के राय वरिष्ठ वैज्ञानिक (पशुपालन) मौसम आधारित कृषि सलाह को ध्यान में रखते हुए वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाले अंतर एवं बाह्य परजीवी तथा उनके नियंत्रण के बारे में विस्तृत चर्चा की, साथ ही साथ पशुओं के रखरखाव तथा उनके खानपान की प्रबंधन को विशेष रुप से ध्यान देने के लिए किसानों से चर्चा की।