प्रेरणा वृद्धाश्रम से प्रेरणा लेकर अक्षिता बुजुर्गों के साथ खुशियां सांझा करने पहुंची।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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नौकरी की पहले वेतन से बुजुर्गों के साथ खुशियां बांटी।
कुरुक्षेत्र, 27 सितम्बर : भारतीय समाज में आज भी कुछ युवा अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से मिसाल बनते हैं। ऐसी ही एक कुरुक्षेत्र की युवा अक्षिता ने अपनी नौकरी लगने के बाद पहले वेतन के पैसे से प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ खुशियां सांझा की और अपनी उपलब्धि का उत्सव मनाया। अक्षिता के इस कार्य की प्रेरणा के सभी सदस्यों ने अक्षिता के इस कदम की काफी सराहना की और कहा यह समाज के अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा है। अक्षिता पहले भी प्रेरणा आश्रम में आती थी और यहां वक्त व्यतीत करती थी। अक्षिता ने प्रेरणा वृद्धाश्रम के मंदिर में बुजुर्गों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की और उसके बाद अपनी नौकरी का जश्न मनाया। प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक जीवन जय भगवान सिंगला ने कहा कि कुछ लोगों में धारणा है कि आज की युवा पीढ़ी पुरानी परम्पराओं को छोड़ रही है लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि आज प्रेरणा वृद्धाश्रम में एक ऐसी बच्ची अक्षिता मौजूद है जिसने अपनी परिवार के संस्कारों और परम्पराओं को साथ रखा है। जब वह कालेज की शिक्षा ग्रहण कर रही थी तो प्रण किया था कि जब भी नौकरी लगेगी अपने पहले वेतन से पैसा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों पर खर्च करूंगी। आज वेतन मिलते ही वृद्धाश्रम को भोजन एवं जलपान करवाने पहुंची है। आज भी कुछ युवा बुजुर्गों की सेवा कर मिसाल बन रहे हैं। प्रेरणा संस्था की अध्यक्षा रेणु खुंगर ने बताया कि अक्षिता ने प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ जलपान किया। अपनी नौकरी की पहला वेतन मिलने के बाद खुशियां बाँटने आई है। बुजुर्गों के लिए ढोकला, फल, समोसे और मिठाइयां इत्यादि काफी कुछ लेकर आई है। युवा अक्षिता ने कहा कि मुझे यहां आकर काफी ख़ुशी मिली है। मैंने निश्चय कर रखा था कि जब भी नौकरी लगेगी अपने पहले वेतन से पैसा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों पर खर्च करूंगी। सभी बुजुर्गों के साथ अपनी खुशियां सांझा करूंगी। काफी सालों के बाद वृद्धाश्रम में आने के बाद बहुत प्रसन्नता मिली है।
प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ युवा अक्षिता एवं मंदिर में पूजा करते हुए।