भगवान श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण व परशुराम केवल पूजनीय नहीं बल्कि अनुकरणीय भी हैं : कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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श्रीमद भगवत गीता ईश्वर द्वारा मानवता को दिया हुआ सर्वोत्तम ज्ञान : महंत राजेंद्र पूरी।
कुरुक्षेत्र, 11 नवम्बर : धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के तट पर विद्यापीठ में चल रहे मां बगलामुखी व महादेव यज्ञ के तीसरे दिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज, कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद, महंत राजेंद्र पूरी तथा अन्य सभी संतो ने मां बगलामुखी और महादेव से सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओं के विनाश के साथ ही सभी भक्तजनों की सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये प्रार्थना की। इस महायज्ञ में महंत राजेंद्र पूरी एवं उनकी धर्मपत्नी और दोनों पुत्र भी मौजूद रहे। अब मां बगलामुखी व महादेव महायज्ञ के साथ ही शनिवार से दो दिवसीय श्रीमद भगवत गीता ज्ञान यज्ञ भी आरम्भ होगा। जिसमें अनेक विद्वानों द्वारा श्रीमद भगवत गीता पर व्याख्यान दिए जाएंगे। महायज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद ने कहा कि सनातन धर्म हमारे, आपके और सारे सनातन धर्मावलंबियों के कर्मों पर टिका हुआ है। हमारे कर्म ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की दिशा को तय करते हैं। इसलिए हमारा कोई भी कर्म केवल व्यक्तिगत नही होता। इस रहस्य को समझते हुए हमें अधिक से अधिक शुभ कर्म करने चाहिए और समाज को भी शुभ कर्म के लिये प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम सबको यह अच्छी तरह समझना पड़ेगा कि भगवान श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण व परशुराम सहित सभी दिव्य अवतार पूजनीय होने के साथ अनुकरणीय भी हैं। जो उन्होंने किया, हम सब को वही करना चाहिए। तभी सनातन धर्म व मानवता की रक्षा संभव होगी। भक्तगणों को सम्बोधित करते हुए महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि श्रीमद भगवत गीता ईश्वर द्वारा मानवता को दिया हुआ सर्वोत्तम ज्ञान है। हमे हर संशय के निवारण के लिए श्रीमद भगवत गीता का सहारा लेना चाहिए। यदि हम श्रीमद भगवत गीता को अपने जीवन का आधार बनाएंगे तो हमारे भटकने की संभावना बहुत कम होगी और समाज से अत्याचार, अनाचार और पाप कम होता चला जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीमद भगवत गीता ही विजय के मार्ग को सुनिश्चित करती है। इसी कड़ी में महंत राजेंद्र पूरी ने देवीदास पूरा, सेक्टर 5, उमरी एवं दर्जनों जगह अपने श्रद्धालुओं से मुलाकात की। महंत राजेंद्र पूरी शाहबाद में देवी मंदिर धर्मशाला में जग ज्योति दरबार के पुराने सेवक सुंदर वर्मा की रस्म क्रिया में शामिल हुए और श्रद्धांजलि भेंट की। इस अवसर पर राजकुमार पांचाल, धर्मेंद्र शर्मा, पंकज राणा, बिल्लू गिल बिजडपुर, डा. प्रवीण, सूरज, कुलदीप देवीदास पूरा, लकी, अशोक कपूर, मास्टर सोमदत्त कपूर, तथा अन्य साथी मौजूद रहे।
महायज्ञ में आहुतियां देते हुए संत महापुरुष एवं श्रद्धालु।