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जीवन में अच्छे मित्र हों तो जीवन स्वर्ग बन जाता है : डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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डॉ. सिन्हा जी के 95 वें वर्ष में प्रवेश करने पर जन्मदिवसोत्सव कार्यक्रम आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 2 दिसम्बर : विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक एवं सुविख्यात भारतीय शिक्षाविद् डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि जीवन में अच्छे मित्र हों तो जीवन स्वर्ग बन जाता है। अपने सह साथियों के साथ बैठने से उत्साह मिलता है। उन्हीं के साथ के कारण वे इस उम्र तक पहुंचे हैं। ये शब्द डॉ. सिन्हा ने 95 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में आयोजित जन्मदिवसोत्सव कार्यक्रम में कहे। इस अवसर पर उनके साथ संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह, प्रसिद्ध उद्योगपति जयभगवान सिंगला, हिन्दू शिक्षा समिति के कार्यालय सचिव भूदेव, वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. आर.ऋषि, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संतकुमार सहित संस्थान के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
डॉ. सिन्हा ने आगे कहा कि जीवन में अच्छे लोगों का साथ होना भी नई ऊर्जा प्रदान करता है। वास्तव में साथियों के साथ हंसी-मजाक कर लेने से बुढ़ापे का एहसास नहीं होता। उन्होंने कहा कि यह लोगों का भरोसा ही है जो उनसे कई बार कुछ लिखने के लिए कहते हैं। ऐसे में उनका साथ देना सुखद अनुभूति प्रदान करता है। इसी से उन्हें नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियां आने पर भी हिम्मत न हारने पर कहा कि चाहे शरीर का कोई अंग काम न करे लेकिन दिल का हौसला कमजोर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी को अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि वे 95वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन आप सबकी आयु इससे अधिक सौ वर्ष से ऊपर जाए।
संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा को श्रीफल, शॉल एवं वस्त्र भेंट कर अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए कहा कि डॉ. सिन्हा जी ज्ञान का भंडार हैं। उनके सोशल मीडिया पर अनेकों विषयों पर व्याख्यान, जानकारी एवं कार्यक्रमों में अतिथि-वक्ता के 800 से अधिक वीडियो हैं। अपने जीवन काल में उन्होंने हर विषय पर वक्तव्य दिया है। ऐसे ज्ञान के अथाह भंडार रूपी डॉ. सिन्हा जी हम सबके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उनका प्रत्यक्ष रूप से विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के साथ जुड़े रहना संस्थान की गरिमा को और बढ़ाता है। प्रसिद्ध उद्योगपति जयभगवान सिंगला ने माल्यार्पण व अंगवस्त्र भेंट कर अभिनंदन किया और कहा कि डॉ. सिन्हा जी का मार्गदर्शन हमेशा प्रेरणादायी रहता है। उन्होंने डॉ. सिन्हा जी के सुखमय तथा दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर सभी आगंतुकों ने फूल-मालाओं से उनका अभिवादन किया। मंच संचालन सुखविन्द्र कुमार एवं हरीश जोशी ने किया। इस अवसर पर डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह को अपना आत्मवृत्त भेंट किया, जिसे महेन्द्र कपूर ने पढ़ा। उपस्थित सभी सदस्यों ने डॉ. सिन्हा जी को जन्मदिवसोत्सव पर शुभकामनाएं दीं तथा उनके दीर्घायु होने की कामना की।
विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा का अभिनंदन करते संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह।
विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा जन्मदिवसोत्सव कार्यक्रम में संबोधित करते हुए।