‘माननीयों’ की कक्षा नजर आया पंचकूला का ऑडिटोरियम,मंत्रियों और विधायकों ने सीखीं अर्थशास्त्र की बारीकियां।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मुख्यमंत्री बोले : अपने हलके में होने वाले विकास कार्यों की सूची दें विधायक बजट में शामिल कर लेंगे।
विस अध्यक्ष का आह्वान : जनसेवा के साथ-साथ विधायी कार्य में निपुणता भी जरूरी।
पंचकूला, 5 दिसंबर :
पंचकूला स्थिति पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह का ऑडिटोरियम सोमवार को ‘माननीयों’ की कक्षा नजर आया। इस कक्षा में प्रदेश की कार्यपालिका के मुखिया मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधान पालिका के मुखिया विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता समेत बड़ी संख्या में मंत्री और विधायक अर्थशास्त्र की बारीकियां सीखते नजर आए। मौका था हरियाणा विधान सभा की ओर से राज्यों की वित्तीय स्थिति और बजट दस्तावेजों के अध्ययन के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला का। दिन भर चली इस कार्यशाला में 9 मंत्रियों समेत 51 विधायकों ने भागीदारी की। इनमें 4 महिला विधायक भी शामिल रहीं। कार्यशाला में भाग लेने वालों में भाजपा के 30, कांग्रेस के 14, जजपा के 3 तथा 4 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। कार्यक्रम को संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल और विधान सभा उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा ने भी संबोधित किया।
दो सत्रों में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के प्रोग्राम ऑफिसर साकेत सूर्य और सीनियर एनालिस्ट मानस गुब्बी ने बजट दस्तावेजों के अध्ययन की वैज्ञानिक विधियां तथा राज्य की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए प्रशिक्षण दिया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों से अनुरोध किया कि वर्ष 2023-24 के बजट पेश करने में 3 माह का समय है, इस अवधि के दौरान विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची सरकार से सांझा करें, ताकि उनके सुझावों व मांगों को बजट में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि आय और खर्च को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद उसमें बदलाव करना संभव नहीं होता है। प्राय: यह देखा जाता है कि जब बजट पेश किया जाता है, उस समय विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग रखते हैं, लेकिन उस समय उन मांगों को बजट में शामिल नहीं किया जा सकता।
सत्र में प्रांतों का तुलनात्मक वित्तीय प्रबंधन, विश्लेषण एवं वित्तीय अनुशासन की जानकारी भी दी गई। जनता के खून-पसीने की कमाई और टैक्सों के द्वारा अर्जित हुए धन का सदुपयोग और व्यय में पारदर्शिता, अपव्यय पर अंकुश इत्यादि विषयों पर चर्चा हुई। सत्र के दौरान विधायकों की जिज्ञासा का समाधान भी किया गया। इस दौरान सभी दलों के विधायकों ने उत्साह के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन सत्र को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने संबोधित किया। उन्होंने सभी विधायकों से आह्वान किया कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, इसलिए उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता जनता की आशाओं पर खरा उतरना है। यह कार्य वे विधायी कामकाज में सक्रिय योगदान देकर कर सकते हैं।
विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि एक अच्छा शासन सुनिश्चित करने के लिए जनता के प्रतिनिधि के रूप में विधायक राज्य में बनने वाले कानूनों पर चर्चा करते हैं और उन्हें पारित करते हैं। साथ ही सरकार के कामकाज पर नजर रखते हैं। इसके अलावा वे बजट के जरिये सार्वजनिक संसाधनों के प्रभावी आवंटन को भी सुनिश्चित करते हैं। कार्यशाला का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट करते हुए विस अध्यक्ष ने कहा कि इस विमर्श से विधायकों को विधायकी कामकाज के साथ साथ बजट की बारीकियों को समझने का अवसर प्राप्त हुआ है। इससे वे अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित मांगों को बजट में शामिल करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के साकेत सूर्य और मानस गुब्बी ने विभिन्न सत्रों में राज्यों के वित्त प्रबंधन एवं बजट की बारीकियों को बड़े ही अच्छे ढंग से विधायकों के सामना रखा। इसका विधायकों को उनके विधायी कार्यों में लाभ होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बजट में हम आने वाले साल में लागू होने वाली योजना, कार्यक्रम और परियोजनाओं की रचना करते हैं। बजट में विकास की ज्यादा जरूरत वाले क्षेत्र विशेषकर गरीब व पिछड़े वर्ग के जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि पंक्ति में खडे अंतिम व्यक्ति को सबसे पहले योजनाओं का लाभ देकर उनके जीवन स्तर का उंचा उठाया जाए ताकि वह समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर देश के नवनिर्माण में अपना योगदान दें सके। विस अध्यक्ष ने विधायकों से आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नेवा परियोजना के तहत विधान सभा का डिजीटलाजेशन हो रहा है। ऐसे में सभी विधायकों को अपने कामकाज के तौर-तरीकों में स्मार्टनेस लानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी विधायक मिलकर विधानसभा में एक स्वस्थ परंपरा कायम करें। कोई भी विषय विधानसभा में चर्चा के लिए आता है, उस पर जितना सार्थक मंथन होगा उसके उतने ही बेहतर परिणाम सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों के सहयोग से विधानसभा में अनेक नई पहल लागू की गई है, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा को एक आदर्श विधानसभा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर विधानसभा के सचिव आरके नांदल समेत अनेक अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन विधानसभा के मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार ने किया।