हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने मंत्रौच्चारण के बीच की महाआरती।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र 5 दिसंबर : हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डा. विरेंद्र चौहान ने कहा कि पवित्र ग्रंथ पूरी दुनिया को अध्यात्म और दार्शनिक तरीके से देखना-समझना सिखाता है, जिंदगी को जीना सिखाता है। हम अपने जीवन और उसके उदेश्यों को लेकर कई तरह के प्रश्नों से जूझते रहते है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथ हमें हर प्रश्नों का जवाब बहुत अच्छे तरीके से देता है। यह ज्ञान हर मनुष्य के लिए जरूरी है।
हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डा. विरेंद्र चौहान सोमवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के आरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले पुरषोतमपुरा बाग में कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण के भजनों के माध्यम से ब्रहमसरोवर के वातावरण को भक्तिमय कर दिया। इसके पश्चात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डा. विरेंद्र चौहान, हिसार के मेयर गौतम सरदाना, मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया प्रभारी पुनित अरोड़ा और केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि बतान, केडीबी सदस्य सुशील राणा, केसी रंगा, विजय नरुला, महिंद्र सिंगला, सौरभ चौधरी ने शंख की ध्वनि के साथ ही महा आरती शुरु की और दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया।
उपाध्यक्ष डा. विरेंद्र चौहान ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता विश्व का एक महान ग्रंथ है। इस ग्रंथ में कहे गए एक-एक श्लोक में मानवता के लिए कुछ ना कुछ है। इसलिए अपने जीवन को सफल बनाने और सही मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों को धारण करना चाहिए। हिसार के मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि इस ग्रंथ के प्रत्येक श्लोक को स्मरण करने से मन को आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता। विश्व में गीता की पूजा हो रही है। पवित्र ग्रंथ गीता में कहा गया है कि चिंता चिता के समान है। आज के समय में तनाव के कारण तरह-तरह की बीमारियां से मनुष्य ग्रस्त हो रहा है। ऐसे में पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान बड़ा ही फायदेमंद है। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।