दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस का प्रारंभ विधिवत पूजन से किया गया
फिरोजपुर 15 फरवरी [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गौशाला संत महेश मुनी जी (बोरेवाले), सिखांवाला रोड़, कोटकपूरा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के
द्वितीय दिवस का प्रारंभ विधिवत पूजन से किया गया जिसमें श्रीमान स्वतंत्र गोयल एवं अजय गोयल जी ने भाग लिया। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वी भाग्य श्री भारती जी ने ध्रुव प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्त ध्रुव जिस परमात्मा को प्राप्त करने हेतु वन की ओर निकले थे, देवर्षि नारद जी के माध्यम से उस परमात्मा को प्राप्त कर लिया। यदि हम भी भक्त ध्रुव की भांति उस ईश्वर को प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें भी आवश्यकता है, ऐसे पथप्रदर्शक की ,ऐसे गुरु की जो हमारे भी अंतःकरण में उस ईश्वर का साक्षात्कार करा दे।
क्योंकि गुरु के बिना कोई भी परमात्मा को नहीं प्राप्त कर सकता।
उन्होंने बताया कि आज मानव प्रभु को मिलने के लिए तत्पर है लेकिन उसके पास प्रभु प्राप्ति का कोई साधन नहीं है। हमारे समस्त वेद शास्त्रों व धार्मिक ग्रंथों में यही लिखा है कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए एक पूर्ण गुरु की शरणागति होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब भी एक जीव परमात्मा की खोज में निकलता है तो वह सीधा ही ईश्वर को प्राप्त नहीं कर लेता उसे एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ता है। जैसे नरेंद्र को विवेकानंद बनाने वाले उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी थे। साध्वी शुभानंदा भारती साध्वी सदया भारती एवं साध्वी सतिंदर भारती जी के द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया। सभी श्रद्धालु भजनों के साथ साथ झूम रहे थे। कथा में उपस्थित मुख्य मेहमान श्रीमती सुनीता गर्ग (प्रदेश सचिव भाजपा), डॉक्टर सोमनाथ सिंगला, डॉ स्नेह सिंगला, कुलदीप सिंह, ओमकार गोयल, ब्रज दीपक छाबड़ा (प्रधान श्री दुर्गा शक्ति मंदिर), पार्षद चंचल कुमार, प्रेम भारद्वाज, विजय शर्मा (प्रधान ब्राह्मण सभा), राजन नारंग, मनीष बंसल (धर्म जागरण मंच) द्वारा ज्योति प्रज्वलित की रसम को अदा किया गया। कथा का समापन प्रभु की पावन पुनीत आरती से किया गया जिसमें मुख्य रूप से डॉ प्रवीण बंसल, डॉ सुरजीत मल, डॉ विकास गुप्ता, डॉ रविंद्र शर्मा फरीदकोट से विशेष रूप में पहुंचे एवं प्रवीण गुप्ता, रमेश मित्तल, डॉ सोनू गर्ग एवं शिवानी गोयल ने विशेष रूप से हिस्सा लिया। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से लंगर का प्रबंध भी किया गया।