ब्रह्मसरोवर पर बोधिवृक्ष फाउंडेशन ने किया पौधारोपण।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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एच.ई.एस. हरियाणा के चार जिलों में सवा दो लाख से अधिक पौधे लगा चुकी है।
कुरुक्षेत्र, 10 अप्रैल : करीब तीन दशक से भी अधिक समय से पर्यावरण संरक्षण को समर्पित हरियाणा एनवायरमेंटल सोसायटी (एच.ई.एस.) संस्था के तत्वाधान में कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के निकट के.डी.बी. रोड़ के किनारों पर स्थानीय सेक्टर 3 निवासी रविंद्र कुमार सैनी द्वारा संचालित बोधि वृक्ष फाउंडेशन संस्था के सहयोग से एक पौधा रोपण कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रविंद्र सैनी के सिरसा, टोहाना व पिंजौर से आए रिश्तेदारों के अलावा एच.ई.एस. के कुरुक्षेत्र चैप्टर के सदस्यों, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमेरिटस तथा एच.ई.एस. के कुरुक्षेत्र चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डा. हरिसिंह व हिंदी विभागाध्यक्ष डा. सुभाष सैनी के दिशा निर्देशन में पौधे लगाकर पौधों को लोहे के जंगलों से सुरक्षा प्रदान की गई। रविंद्र कुमार ने बोधि वृक्ष लगाकर प्रोग्राम की शुरुआत की। उसके उपरांत उनके रिश्तेदारों रामशरण, रेखा सैनी, विमला सैनी, सुदेश, सुरेंद्र सैनी, एडवोकेट बलदेव तथा संस्था एच.ई.एस. के अध्यक्ष ग्रीन मैन प्रोफेसर एस.एल. सैनी के अलावा संस्था के अन्य सदस्यों मिया सिंह, श्रीनिवास, धर्मपाल, डा. अनिल दहिया, प्रोफेसर रामचंद्र सैनी व अन्य ने बोधि वृक्ष प्रजाति के बरगद, पीपल, पीलखन, चकरोशिया एवं गुलमोहर प्रजातियों के पौधे लगाए।
इस अवसर पर प्रोफेसर एस.एल. सैनी ने बताया कि संस्था एच.ई.एस. की शुरुआत उनके द्वारा लगभग 34 वर्ष पूर्व ‘ग्रीन एवं क्लीन हरियाणा’ के उद्देश्य को लेकर यमुनानगर से की गई थी। तब से आज तक संस्था ने हरियाणा के 4 जिलों यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला तथा कुरुक्षेत्र के रिहायशी इलाकों में आम लोगों के सहयोग से सवा दो लाख से अधिक पौधे लगाकर उनका पालन पोषण किया है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था का कुरुक्षेत्र चैप्टर 8 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। जिसके तहत कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के पार्किंग एरिया, रेलवे रोड़, के.डी.बी. रोड़, लघु सचिवालय व अन्य विभिन्न जगहों पर हजारों पौधे लगाकर उनका पोषण किया जा रहा है। फील्ड वर्क को नियमित और सुचारू रूप से चलाने हेतु संस्था के पास अपने ट्रैक्टर, वाटर टैंकर, ट्राली, वर्कशॉप व पौधों की नर्सरियां मालियों की टीमों के साथ हैं।
कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के निकट पौधारोपण करते हुए।