दिल्ली से आए करीब 3 दर्जन वकीलों एवं 30 संस्थाओं के पदाधिकारियों ने किया प्रेरणा वृद्धाश्रम का किया अवलोकन।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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वकीलों एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों ने प्रेरणा वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों से की मन की बात।
प्रेरणा वृद्धाश्रम अनजान बुजुर्गों की सेवा कर वास्तविक पुण्य कमा रहा है : राजेंद्र मुरथलीया।
अपनी औलादों से नकारे बुजुर्गों की सेवा कर प्रेरणा वृद्धाश्रम बना देश के लिए मिसाल : राजेंद्र मुरथलीया।
कुरुक्षेत्र, 10 अप्रैल : आधुनिकता के इस दौर में आज युवा भटक गए हैं और अपने ही घर के उन बुजुर्गों का अनदेखा कर अपमानित कर रहे हैं जिन्होंने सारा जीवन कड़ी मेहनत कर युवाओं को शिक्षित किया व जीवन की हर सुख सुविधा उपलब्ध करवाई है। यह विचार दिल्ली से आए करीब तीन दर्जन वकीलों एवं 30 संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ वयोवृद्ध राजेंद्र मुरथलीया ने कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम में व्यक्त किए। कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों एवं पर्यटन स्थलों को घूमने के बाद दिल्ली के वकीलों एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों का जत्था प्रेरणा वृद्धाश्रम का अवलोकन करने पहुंचा था।
इस मौके पर दिल्ली से आए मेहमानों का प्रेरणा के संस्थापक एवं विख्यात उद्योगपति जय भगवान सिंगला, आशा सिंगला, प्रेरणा की अध्यक्षा रेणु खुंगर, हरिकेश पपोसा, प्रो. बाबू लाल, राम लाल सिंगला इत्यादि ने स्वागत किया। दिल्ली से आए वकीलों एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम मंदिर में पूजा अर्चना की एवं प्रेरणा वृद्धाश्रम में बने शहीद स्मारक पर श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। उन्होंने शहीद संग्रहालय एवं हरियाणवी संस्कृति संग्रहालय का भी अवलोकन किया। दिल्ली आए लोगों में राजेंद्र मुरथलीया के साथ मोहिनी मोना एडवोकेट, नवीन तायल, गिरीश मित्तल, पूजा तायल, ओ.पी. आहूजा, रवि गुप्ता, उषा रानी, वीना मोंगा, कुसुम मुरारका, त्रिलोक चंद, कुसुम रानी, पी.सी. केडिया व मनमोहन सिंह इत्यादि शामिल रहे।
दिल्ली से आए वकीलों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने प्रेरणा वृद्धाश्रम की ख्याति काफी सुनी है। उन्होंने सुना है कि अपनों से नकारे गए और घरों से निकाले गए बुजुर्गों को आश्रय देने वाले प्रेरणा वृद्धाश्रम में किस प्रकार बुजुर्गों की निस्वार्थ सेवा की जाती है। वयोवृद्ध राजेंद्र मुरथलीया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में परिवार के बुजुर्गों की सेवा एवं संस्कार से बढ़ कर कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे समाज के युवा भटक चुके हैं और बुजुर्गों को अपना घर होते हुए भी आश्रय की तलाश करनी पड़ रही है। प्रेरणा वृद्धाश्रम धर्मनगरी में जिस तरह से अनजान लोगों की निस्वार्थ सेवा कर रहा है यह अपने आप में मिसाल है। राजेंद्र मुरथलीया ने कहा कि वह औलाद वास्तव में बदनसीब है जो जीवन भर कड़ी मेहनत कर बच्चों को पालने वाले मां बाप को घर से निकाल देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेरणा के पदाधिकारी एवं संचालक स्वर्ग से भी बढ़कर पुण्य हासिल कर रहे हैं जो दिन रात अनजान बुजुर्गों की सेवा कर रहे हैं।
दिल्ली से आए वकीलों ने कहा कि उन्होंने कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं देखी हैं ऐसी दिल्ली की राजधानी में भी वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इस मौके प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने मेहमानों के साथ दिल को छू जाने वाले गीत भी गाए।
दिल्ली से आए मेहमानों का स्वागत करते हुए प्रेरणा के पदाधिकारी। प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ केक काटते हुए। दिल्ली से आए संस्थाओं के पदाधिकारी एवं वकील विचार सांझा करते हुए तथा प्रेरणा वृद्धाश्रम शहीद स्मारक पर।