महान गणितज्ञ आर्यभट्ट को किया गया याद।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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याद किए गए शून्य के खोजकर्ता महान खगोलविद आर्यभट्ट।
कुरुक्षेत्र, 16 अप्रैल : महान गणितज्ञ आर्यभट्ट को उनके योगदान के लिए भुलाया नहीं जा सकता है। शून्य की खोज करने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट्ट महान खगोलविद भी थे। गणित शिक्षिका रीटा रानी ने बताया कि आर्यभट्ट ने 23 वर्ष की उम्र में ही खोज निकाला था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। सम्राट चंद्रगुप्त के नवरत्नों में शामिल महान खगोलशास्त्री एवं गणितज्ञ आर्यभट्ट की जयंती उन्हें श्रद्धा के साथ याद किया जा रहा है।
रीटा रानी ने बताया कि दुनिया को शून्य और दशमलव का ज्ञान देने वाले महान गणितज्ञ की जयंती पर सभी गणित विद्वानों द्वारा नमन किया जाना चाहिए। उन्हीं की वजह से गणित का स्वरूप सरल बना है। गणित शिक्षिका ने आर्यभट्ट के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और दुनिया के लिए उनके योगदान पर कृतज्ञता प्रकट की।
उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट अपने पीछे ज्ञान का ऐसा भंडार छोड़ गए हैं, जिसकी उपयोगिता और प्रासंगिकता हमेशा दुनिया में कायम रहेगी। आर्यभट्ट ने गणित की मूल अवधारणाओं का विकास किया, जिसके आधार पर ही वैज्ञानिकों को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल हो सकी। रीटा रानी ने आर्यभट्टीयम् पुस्तक को विश्व की अमूल्य धरोहर बताया। आर्यभट्टीयम् के माध्यम से ही पहली बार शून्य का उपयोग पता चला। यही वजह है कि यह पुस्तक गणित का मूल मानी जाती है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम आर्यभट्ट ने ही खोज कर दुनिया के सौर मंडल की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया की पृथ्वी समेत सौरमंडल के तमाम ग्रह सूर्य के प्रदक्षिणा करते हैं।
गणित शिक्षिका रीटा रानी।