कलयुग में कुष्मांडा ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव शिवलिंग पूजन की परंपरा शुरू की थी : महंत जगन्नाथ पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पार्थिव शिवलिंग पूजन के साथ भगवान श्री राम भक्त हनुमान का भी हुआ पूजन।
कुरुक्षेत्र, 8 अगस्त : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में सावन अधिक मास के पूजन एवं पार्थिव शिवलिंग अभिषेक के चलते मंगलवार को भी अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य संतों के सानिध्य में भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान के पूजन एवं मंगला गौरी पूजन भी किया गया।
मंगलवार को यजमान डा. आर. एस. गुप्ता एवं डा. कृतिका गुप्ता ने अपने हाथों से पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन एवं अभिषेक किया। साथ हनुमान पूजन एवं मंगला गौरी का पूजन किया। इसके उपरांत पार्थिव शिवलिंग का विधि पूर्वक विसर्जन किया गया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि कलयुग में कुष्मांडा ऋषि के पुत्र ने मंडन ने पार्थिव यानी मिट्टी के शिवलिंग के पूजन व अभिषेक की शुरुआत की थी। शिव महापुराण में बताया गया है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से धन, अन्न, बेहतर स्वास्थ्य और संतान की प्राप्ति होती है। इसी के साथ इस पूजन से मानसिक और शारीरिक दुखों से भी जातकों को मुक्ति मिल जाती है।
इस मौके पर स्वामी संतोषानंद, दीप नारायण, हरि प्रसाद, बिल्लू पुजारी, नीलिमा, सुगंधा एवं रुचिका इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्रद्धालु पूजन करते हुए।