दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : नव संवत 2081 की बेला पर श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ,(वृंदावन ) वाले के द्वारा चतुर्थ दिवस की भक्तमाल कथा मे भगवान श्री विट्ठल की परम भक्त कृष्ण प्रेम मे रहने वाली रानी रतनावती का पावन चरित्र के बारे में महाराज ने बताया , की रुचि केवल भजन मे रहती थी, भजन ,”गोविंद जय जय गोपाल जय जय, “,गायक जगदीश भाटिया भजन गया “दिल कश तेरा नक्शा है सूरत तेरी प्यारी है जिसने भी तुझे देखा सो जान पर वारी है l”अंत में राधा नाम लेकर कथा का विश्राम हुआ , सहयोग में भजन गायक जगदीश भाटिया, राम सेठी,सुमन सेठी,विशाल आर्य, जितेंद्र साहनी ,हरीश सूरी, अवधेश साहनी ,तनु साहनी का सहयोग रहारहा ।