जिला पदाधिकारी, श्री कुन्दन कुमार द्वारा यूनिसेफ प्रतिनिधि के साथ बैठक किया गया। बैठक में बच्चों के सम्पूर्ण शारीरिक तथा मानसिक विकास एव कुपोषण से मुक्त करने पर विमर्श किया गया । बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं तथा बच्चो का पंजीयन कर एमसीपी (मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्ड) कार्ड देने का निदेश दिया गया । जिला पदाधिकारी द्वारा 0-6 माह के बच्चो के विकास, पोषण तथा स्वास्थ्य के आलोक में कार्ययोजना तैयार करने तथा समाज में जागरूकता फैलाने हेतु पैंपलेट तैयार कर वितरण करने का निदेश दिया गया। यूनिसेफ के प्रतिनिधि द्वारा 0-6 माह के बच्चो के शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए अलग अलग चरणों मे निगरानी की जानकारी दी गई। नवजात के स्वास्थ्य तथा विकास के लिए पहले सात दिनों तक संक्रमण से रोकथाम, नाभी कॉड का केयर , शारीरिक तापमान की निगरानी तथा स्तनपान पर ध्यान केंद्रित करना है। 8 से 28 दिन के बच्चो मे शारीरिक वजन, टीकाकरण, स्तनपान आदि की निगरानी किये जाने के आलोक में जागरूकता बढ़ाने पर विमर्श किया गया।
यूनिसेफ प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि बच्चो के शारीरिक एव मानसिक विकास अलग अलग चरणों के द्वारा सुरक्षित किया जा सकता है:
- नियमित टीकाकरण
2.सामाजिक और व्यवहारगत परिवर्तन पहलों के माध्यम से - स्टीमुलेशन
नियमित टीकाकरण बच्चो को बहुत से रोगों से बहुत ही आसानी से बचाता है।
सामाजिक एव व्यवहारगत परिवर्तन में मां को जागरूक करना होता है की बच्चो को कैसे सुरक्षित रूप से लालन पालन किया जाना है ।
स्टीमुलेशन में बच्चो से बाते करना , खेलना , लोरी सुनाना, मालिश करना,खिलौने से बच्चो को आकर्षित करना आदि है ।
इस संबंध में जागरूकता हेतु सभी आशा कर्मी को प्रशिक्षित करने पर विमर्श किया गया ।जिला पदाधिकारी द्वारा यूनिसेफ के प्रतिनिधि को बच्चो के कुपोषण मुक्त शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जागरूकता एव प्रशिक्षण हेतु तैयारी करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया की कुपोषण का ससमय पहचान करने से बच्चो के विकास में पड़ने वाले सभी बाधाओं को खत्म कर बच्चो का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैठक में जिला पदाधिकारी, उप विकाश आयुक्त, पुर्णिया, डॉक्टर शिवांगी दत्त, पोषण अधिकारी यूनिसेफ, डॉक्टर संदीप घोष, पोषण अधिकारी यूनिसेफ आदि उपस्थित थे ।