भगवान शिव प्रकृति के स्वामी हैं और प्रकृति से अमानवीयता का व्यवहार शिव को क्रोधित करता है : महंत जगन्नाथ पुरी।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
सावन अधिक मास की पूजा के साथ शिव पुराण का महत्व बताया।
कुरुक्षेत्र, 11 अगस्त : मारकंडा नदी के तट पर भगवान शिव के प्रिय भक्त ऋषि मार्कण्डेय की तपस्थली श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में शुक्रवार को भी सावन अधिक मास का पार्थिव शिवलिंग अभिषेक एवं पूजन हुआ। यह पूजन राजपुरा पंजाब से गोपाल मेहता तथा आनंदिता मेहता के परिवार के सदस्यों ने करवाया।
पूजन के उपरांत शिव पुराण का महत्व बताते हुए कथा में अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि संसार में सत्य भगवान शिव का स्वरूप है। जीवन में सत्य वाचन सदैव करना चाहिए। सत्य बोलने का सबसे सफल कार्य होता है कि हमको याद नहीं करना पड़ता कि हमें क्या व्यक्त करना है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि भगवान शिव कृपा के लिए पहला उपक्रम यही है कि हम सत्य का आश्रय ग्रहण करके अपने जीवन का निर्वाह करें। सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसलिए सत्य धर्म का आसरा लेकर हम अपने जीवन को परमपिता परमात्मा के चरणों में लगाकर नियम, संयम और सदाचार से अपना जीवन यापन करें।
उन्होंने बताया कि शिव प्रकृति के स्वामी हैं और प्रकृति के साथ अमानवीयता का व्यवहार भगवान शिव को क्रोधित करता है। इसलिए प्रकृति माता का संरक्षण करना भी प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है। क्योंकि जगत में मनुष्य का जीवन प्रकृति के सानिध्य में ही पूरा होता है। सही मायने में मनुष्य प्रकृति का पुत्र है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, मनोज कुमार, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, भाना राम इत्यादि भी मौजूद रहे।
कथा एवं भजन संकीर्तन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।