आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश: वो बाहुबली हैं, उनके पास हमें चुप कराने के लिए बहुत हथकंडे हैं – श्रेया की माँ

कहा वे बाहुबली हैं, उनके पास हमें चुप कराने के लिए बहुत हथकंडे हैं
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य पर जताया भरोसा
आजमगढ़। आजमगढ़ स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में 11वीं की छात्रा श्रेया की मौत मामले में शनिवार को भी अभिभावक सड़क पर उतरे। श्रेया के माता-पिता के नेतृत्व में शहर के मुख्या चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। छात्रा के माता-पिता ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंप कर प्रकरण की जांच आजमगढ़ पुलिस से ही कराए जाने की मांग की। छात्रा के माता-पिता ने फफकते हुए कहा कि अब मेरी बेटी तो लौटकर नहीं आएगी लेकिन हम न्याय चाहते हैं। मां ने कहा कि आजमगढ़ पुलिस की विवेचना में ऐसी क्या गड़बड़ी थी कि मऊ पुलिस ने उसे सिरे से खारिज कर दिया और गिरफ्तार प्रधानाचार्या और क्लास टीचर को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दिया। वहीं पिता ने प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग भी की।
31 जुलाई को चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ने वाली छात्रा श्रेया की तीसरी मंजिल से संदिग्धावस्था में गिर कर मौत हो गई थी। विद्यालय प्रशासन घंटों परिजनों को बरगलाता रहा और काफी देर से परिजनों को सूचित किया। पुलिस को भी समय से सूचना नहीं दी गई। सारे साक्ष्य पर पानी डाल कर साफ करने के बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई थी। पुलिस पहुंची तो छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देर शाम पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा भी दर्ज किया। तीन अगस्त को प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा व कक्षाध्यापक अभिषेक राय को गिरफ्तार भी कर लिया। यह अलग बात है कि विवेचना में हत्या की पुष्टि न होने पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में दोनों की गिरफ्तारी हुई। इस बीच आठ अगस्त को प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अपने-अपने स्कूल को बंद कर प्रधानाचार्या व शिक्षक की गिरफ्तारी का विरोध किया। वहीं आईजी ने जनपद पुलिस से घटना की विवेचना लेकर सीओ सिटी मऊ को जांच दे दी।
सीओ सिटी मऊ ने मात्र 24 घंटे में ही अपनी विवेचना पूरी करते हुए कोर्ट में 164 में अपनी रिपोर्ट देते हुए गिरफ्तार प्रधानाचार्या व शिक्षक को इस घटना में दोषी पाए जाने से इंकार कर दिया। जिस पर कोर्ट ने नौ अगस्त की देर शाम ही दोनों के रिहाई आदेश जारी कर दिए। इसके कुछ घंटे बाद ही नियम के विपरित रात 11 से साढ़े 11 बजे के बीच दोनों को जेल प्रशासन ने रिहा भी कर दिया। बच्ची की शुक्रवार को तेरहवीं थी। जिसके चलते परिजन भी विरोध नहीं कर पाए। शनिवार को छात्रा के माता-पिता के नेतृत्व में अभिभावक फिर से सड़क पर उतरे। जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर सीओ सिटी मऊ की विवेचना को सिरे से खारिज करते हुए आजमगढ़ पुलिस की विवेचना के आधार पर ही कार्रवाई आगे बढ़ाए जाने की मांग की।
छात्रा की मां ने कहा कि विद्यालय के लोग काफी बड़े लोग है। धनबल और बाहुबल के बल पर विवेचना को प्रभावित किया गया। अपनी ताकत दिखा कर मेरी बच्ची की मौत के बाद भी चीरहरण किया जा रहा है। सीओ सिटी मऊ न जाने किस दबाव में आजमगढ़ पुलिस की पूरी विवेचना को ही पलट दिए हैं। बेटी को न्याय दिलाने के लिए अब मैं सीएम योगी तक जाउंगी। छात्रा के पिता ने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने भी कमर कस लिया है। आईजी जोन के निर्देश पर आजमगढ़ पुलिस से विवेचना मऊ पुलिस को सौंपे जाना पूरी तरह से गलत है। आजमगढ़ पुलिस की विवेचना पर हमें पूरा भरोसा था। जांच सही दिखा में चल रही थी। ऐसे में मऊ पुलिस को विवेचना देकर जांच को भटकाने का काम किया गया है। अब मैं हाईकोर्ट में गुहार लगाने के साथ ही शासन-प्रशासन से प्रकरण की सीबीआई जांच की भी मांग करता हूं।

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