बच्चों के हाथों में मोबाइल विद्वानों एवं विशेषज्ञों के लिए भी चिंता का विषय।
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मोबाइल के अधिक प्रयोग से बच्चों के मानसिक और मस्तिष्क स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है : अनीता शर्मा।
कुरुक्षेत्र, 22 अगस्त : आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के हाथों में मोबाइल फोन देखा जा सकता है। मोबाइल फोन के बच्चों के हाथों अधिक प्रयोग को लेकर अभिभावकों से लेकर विद्वान, डॉक्टर एवं विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी एवं शिक्षिका अनीता शर्मा ने कहा कि स्मार्ट फोन के अधिक प्रयोग से बच्चों के मानसिक और मस्तिष्क स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के अभिभावक बच्चों को व्यस्त करने के लिए, खाना खिलाने के लिए या नर्सरी राइम सिखाने के लिए हाथ में स्मार्ट फोन पकड़ा देते हैं। यह बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है। आजकल मोबाइल भी एक आधुनिक फैशन बन चुका है।
अनीता शर्मा ने कहा कि कई लोग गर्व करते हैं कि मोबाइल से बच्चा नई टैक्नोलॉजी के बारे में सीखता है, लेकिन यह भी सच है कि बच्चे के प्रयोग से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ता है। मोबाइल का प्रयोग दिमाग की रफ्तार को कम करने के साथ साइबर बुल्लाइंस, डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी समस्या को भी जन्म दे सकता है। ऐसे में मां-बाप बच्चे के लिए नियम व शर्त तय करें जिससे बच्चे को इस खतरे से बचाया जा सके।
शिक्षिका एवं विषय विशेषज्ञ अनीता शर्मा।