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जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पारसनाथ का मोक्ष कल्याण निर्माण महोत्सव बड़ी धूमधाम वह हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया। झंडा मंदिर स्थित श्री पारस प्रभजिनालय में जैन मिलन पारस देहरादून के तत्वाधान में पूज्य श्री समर्पण सागर जी महाराज के सानिध्य में भावपूर्ण धार्मिक क्रियो के साथ संपन्न हुआ। प्रातः कालीन बेला में श्री जी का अभिषेक पूजन किया गया, शांति धारा करने का सौभाग्य श्री जनेश्वर अंकित जैन को मिला श्रद्धालुओं द्वारा संगीत में पूजन पश्चात 23वें तीर्थंकर पारस प्रभु को 23 किलो का लड्डू समर्पित किया गया जिसका सौभाग्य श्री अंकित जैन पारसनाथ ज्वेलर्स को मिला अन्य सभी भक्तों ने एक-एक किलो के निर्माण लाडू समर्पित किया। पूज्य समर्पण सागर जी ने अपने प्रवचन में बताया की जैन धर्म में प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव हुए इस युग के 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी से पहले 23 में तीर्थंकर पारस का जन्म काशी नगरी में हुआ था तथा अनेक वर्षों तक तब कर केवल ज्ञान के पश्चात शाश्वत तीर्थ श्री समेत शिखरजी में सावन शुक्ल सप्तमी को निर्माण पद मोक्ष प्राप्त हुआ। आज इस तिथि को मोक्ष सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है जैन मिलन पारस के अध्यक्ष नितिन जैन मंत्री अंकित जैन कोषाध्यक्ष वीरेश जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जैन समाज के सैकड़ो गण मान्य व्यक्तियों सहित भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चंद जैन , संदीप जैन उपस्थित रहे जैन मंदिर के व्यवस्थापक नीरज जैन की गरिमा उपस्थित में सभी क्रियाएं आयोजित की गई। सायकालीन आरती का सौभाग्य अनिल जैन पिंकी जैन रुचि पूरा परिवार को मिला। जैन मिलन पारस से विपिन जैन,अंकुर जैन ,अमित जैन, हिमांशु जैन ,गौरव जैन,विवेक जैन, सचिन जैन का विशेष सहयोग रहा एवं व्यवस्थाओं में सभी पारस सदस्यों ने योगदान दिया.