कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा अश्वनी द बिजनेस कंसल्टेंट के बीच हुआ समझौता, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 24 अगस्त : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा अश्वनी द बिजनेस कंसल्टेंट, कुरुक्षेत्र के बीच समझौता किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा तथा अश्वनी द बिजनेस कंसल्टेंट की ओर से कम्पनी के प्रमुख अश्वनी कुमार ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए
इस मौके पर बोलते हुए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, 1956 में स्थापित, विश्वविद्यालय परिसर और इसके संबद्ध कॉलेजों में पांच लाख से अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के आधार पर, विश्वविद्यालय को ए-प्लस ग्रेड से सम्मानित किया गया है और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) सरकार द्वारा श्रेणी-1 में देश के राज्य विश्वविद्यालयों में 8 वें स्थान पर रखा गया है। विश्वविद्यालय अपने छात्रों के ज्ञान निर्माण, सीखने, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लिए अनुसंधान संस्थानों, प्रयोगशालाओं, उद्योगों, कॉरपोरेट आदि के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करता है।
कुलपति ने कहा प्रो. सोमनाथ ने कहा कि इस समझौता के माध्यम से, समानता, पारस्परिकता और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों के आधार पर, एटीबीसी कुरुक्षेत्र और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वर्षा जल संचयन संरचनाओं/भूजल बचत गतिविधि के रास्ते तलाशने के लिए सहमत हैं। छात्रों को वर्षा जल संचयन प्रणालियों पर व्यावहारिक अनुभव के अवसर, छात्रों को वर्षा जल संचयन पुनर्भरण के लिए और अधिक विकल्प तलाशने के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इसके तहत् जल बचत पर सहयोगात्मक अनुसंधान, वर्षा जल संचयन पर छात्र कार्यक्रम, एटीबीसी संकाय कर्मचारियों द्वारा छात्रों की परियोजनाओं का मार्गदर्शन, इस विषय पर सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों, उत्सवों आदि में सहयोग, विभिन्न स्थानों और इमारतों में वर्षा जल संचयन के लिए अधिक विकल्प और नए विचारों का पता लगाया जाएगा।
अश्वनी द बिजनेस कंसल्टेंट की ओर से कम्पनी के प्रमुख अश्वनी कुमार ने कहा कि एटीबीसी एक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) परामर्श एवं सेवा प्रदाता इकाई है। यह एक एमएसएमई और जीएसटी पंजीकृत प्रोपराइटरशिप फर्म है। इस समझौते का उद्देश्य कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एमएसएमई तक वर्षा जल संचयन इकाइयों को अपनाने का उद्देश्य है। हम केयू को वर्षा जल संचयन इकाइयों को बढ़ावा देने में योगदान करेंगे। कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भी इस समझौते के लिए बधाई दी।
इस मौके पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. नरेन्द्र सिंह, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. नरेश सागवाल, डॉ. जितेन्द्र भारद्वाज, डॉ. अजय जांगडा, एक्सईन राजपाल मौजूद रहे।