दिव्यंगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांग व्यक्ति को जमीन के सहारे कार्यालय पहुंचे को इधर से उधर भटकने को मजबूर

व्हील चेयर जंजीर से बंधकर बने शोपीस

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली : दिव्यांग जनों का बरेली के जिला अस्पताल में कितना ध्यान रखा जाता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में दिव्यंगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांग व्यक्ति को जमीन के सहारे ही इधर से उधर भटकना पड़ता है। जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कक्ष के सामने से ही दिव्यांग व्यक्ति जमीन के सहारे उस कार्यालय में पहुंचता है जहां पर दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। सवाल यह नहीं कि दिव्यांग व्यक्ति जमीन के सहारे चलकर इस ऑफिस से उस ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं सवाल तो यह है की जिला अस्पताल में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर कहां गायब हो गई ? जिला अस्पताल में काफी खोजने के बाद एक जगह व्हीलचेयर जंजीर से बंधी हुई मिली। जबकि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी अस्पताल के मुख्य द्वारा के पास ही व्हील चेयर उपलब्ध होनी चाहिए जिससे किसी भी दिव्यांग व्यक्ति द्वारा जब अस्पताल में दवा या स्वास्थ्य से जुड़ी हुई बीमारियों के परीक्षण के लिए आया जाए तो वह उन व्हील चेयरों का इस्तेमाल कर सके लेकिन जिला अस्पताल में ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा। जब कभी भी कोई भी दिव्यांग व्यक्ति चाहे वह महिला हो या पुरुष जिला अस्पताल में ऑटो रिक्शा या ई रिक्शा से पहुंचता है तो वह गेट से अंदर तक पर्चा बनवाने से लेकर डॉक्टर तक जमीन के सहारे ही चलते हुए नजर आते हैं क्या यह मानव अधिकार का हनन नहीं है हम उन दिव्यांग जनों का फोटो इस खबर में लगाकर उनका अपमान करना नहीं चाह रहे हैं, इसलिए इस खबर में उनका फोटो नहीं लग रहे हैं। वही इस ओर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समय-समय पर जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण करने वाले अन्य अधिकारियों का क्या ध्यान नहीं जाता या वह इसकी अनदेखी करके निकल जाते हैं। यह एक सोचनीय विषय है इस ओर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवश्य ध्यान देना चाहिए।
हालांकि व्हील चेयर का इंतजाम नहीं होने से दिव्यांगजनों के लिए अस्पताल के मेन गेट से कार्यालय तक पहुंचना दिक्कत का सबब बना हुआ है। इतना ही नहीं जांच कक्ष तक पहुंचने के बाद भी कई बार डॉक्टर के नहीं होने पर निराश लौटना पड़ता है। वहीं, जांच के लिए भी कई चक्कर लगाने पड़ते ही हैं। वहीं बात प्रमाण पत्र बनवाने की करें तो इसके लिए कुछ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि दिव्यांगजनों के लिए डॉक्टरों के समय से नहीं आने से उन्हे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जिला अस्पताल द्वारा इस तरीके से दिव्यांग जनों के अधिकारों का हनन और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करने का कोई अधिकार नहीं है मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

मनी सिंह राष्ट्रीय मानव अधिकार एसोसिएशन बरेली।

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