कुवि तथा कला व संस्कृति विभाग मिलकर करेंगे संस्कृति का संरक्षण: कुलपति।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 28 मार्च :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के साथ मिलकर संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इस आशय की उद्घोषणा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने अंतरराष्ट्रीय थियेटर दिवस के अवसर हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित नाट्य समापन समारोह में जनसमूह को सम्बोधित करते हुए दी। इस अवसर पर हरियाणा कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, हरियाणा कला परिषद के निदेशक डॉ. संजय भसीन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के माध्यम से 32 से अधिक विधाओं का संरक्षण किया है। इसी कड़ी में धरोहर हरियाणा संग्रहालय के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति को लाखों लोगों तक पहुंचाया है। इतना ही नहीं 1857 के संग्रहालय एवं ललित कला विभाग के माध्यम से भी संस्कृति के क्षेत्र में आगे बढने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का कला एवं संस्कृति विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ मिलकर नये आयाम स्थापित कर सकता है। इससे पूर्व कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग में पहुंचकर संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के योगदान का अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्होंने धरोहर हरियाणा संग्रहालय को भी देखा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणा की संस्कृति को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया है वह अपने आप में किसी मील के पत्थर से कम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं हरियाणा का कला एवं संस्कृति विभाग मिलकर संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।