वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया आषाढ़ अमावस्या का महत्व, त्रिपिंडी श्राद्ध से मिलती है तीन ऋणों से मुक्ति।
कुरुक्षेत्र, 5 जुलाई : अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं संतों के सान्निध्य में श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ त्रिपिंडी श्राद्ध पूजन किया गया। इस पूजन में पितरों की शांति एवं जीवन के तीन ऋण मुक्ति के लिए यजमान के तौर पर विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु पूजन के लिए पहुंचे। महंत जगन्नाथ पुरी के मार्गदर्शन में विद्वान ब्राह्मणों के साथ यजमान जसविंदर सिंह व उनके परिवार के सदस्यों का विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन सम्पन्न करवाया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि हर मनुष्य के जीवन में तीन प्रकार के ऋण बताए गए हैं। जिनमें पितृ ऋण, देव ऋण और ऋषि ऋण हैं, इन तीनों ऋणों से बचने एवं मुक्ति के लिए ही पूरे विधि विधान से त्रिपिंडी श्राद्ध पूजन किया जाता है। पूजन के उपरांत दान इत्यादि किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि नारायण बलि और नागबलि दोनों विधि मनुष्य की अपूर्ण इच्छाओं और अपूर्ण कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन स्वर्ग से हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी कमल नाथ, स्वामी पृथ्वी पुरी, दलजीत कौर, हरप्रीत कौर, सुमित, सतनाम सिंह इत्यादि भी पूजन में शामिल हुए।
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में त्रिपड़ी श्राद्ध पूजन हुए यजमान।