हरिद्वार कुरुक्षेत्र सहित देश के अन्य राज्यों में स्थित जयराम संस्थाओं द्वारा महाकुंभ पर्व पर आमजन को दी जा रही सम्पूर्ण सेवा।
सेंट्रल डेस्क – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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आस्था और धर्म का महापर्व है महाकुंभ मेला : ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी।
उत्तराखंड हरिद्वार 5 अप्रैल : जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि हरिद्वार महाकुंभ मेले में जयराम संस्थाओं के देशभर से सेवक एवं भक्त निरंतर सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन में कुंभ मेले में आने वाले लाखों साधु संत एवं श्रद्धालु जयराम आश्रम में भोजन ग्रहण कर रहे हैं। वैसे तो पूरे देश के विभिन्न राज्यों में स्थित जयराम संस्थाओं सहित कुरुक्षेत्र स्थित जयराम विद्यापीठ में भी कई वर्षों से प्रतिदिन अन्नक्षेत्र चलाया जाता है। सिंगला ने बताया कि ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के आशीर्वाद से तो कुंभ मेले में प्रतिदिन सुबह, दोपहर तथा शाम को लाखों लोग भोजन करने के लिए आश्रम में पहुंच रहे है। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरु परम्परा के अनुसार जयराम संस्थाओं द्वारा करीब 146 साल से संत महापुरुषों एवं भूखों को भोजन देने के लिए अन्नक्षेत्र चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जयराम संस्थाओं की पहचान ही अन्नक्षेत्र के नाम से है। ब्रह्मचारी ने बताया कि हरिद्वार महाकुंभ में तो जयराम आश्रम द्वारा डेढ़ महीने के लिए करीब सवा दो लाख संत महापुरुषों के लिए निरंतर भोजन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ तो आस्था और धर्म का महापर्व है। ऐसे अवसर पर भूखे व्यक्ति को भोजन देने से बड़ी कोई सेवा नहीं है। जयराम संस्थाओं के यजमान देशभर से महाकुंभ में अन्नक्षेत्र की सेवा में सहयोग कर रहे हैं। ब्रह्मचारी के अनुसार कुंभ स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमारे संस्कारों में पितरों का बहुत महत्व है। ऐसे में माना जाता है कि अगर कुंभ स्नान किया जाए तो इससे पितर भी शांत हो जाते हैं। इससे व्यक्ति पर पितरों आशीर्वाद भी बना रहता है।
हरिद्वार जयराम अन्नक्षेत्र में भोजन ग्रहण करते हुए संत महापुरुष।