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पीएम-विश्वकर्मा योजना से दस्तकारों के जीवन स्तर में होगा सुधार : नेहा सिंह

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र,12 जनवरी : उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। इसलिए इस योजना में जिला के अधिकाधिक नागरिकों को लाभ दें ताकि सरकार का अन्त्योदय का लक्ष्य पूरा हो सके।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि योजना का गांव स्तर पर पूरा प्रचार करें और लाभार्थी को मौके पर ही लाभ देने की कोशिश करे ताकि अधिकाधिक लोग इसका फायदा उठा कर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सके। उन्होंने बताया कि इस योजना में नाव बनाना, शस्त्रागार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, सुथार, चटाई बनाना, गुडिया व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने का काम शामिल है। योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना में कारीगरों को पहले पीएम विश्वकर्मा. जीओवी.इन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने कहा कि सरपंच या यूएलबी के संबंधित कर्मचारी को लोगिंन आईडी बनाने में कोई परेशानी आए तो वे विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के लागू होने से श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए कारीगरों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। योजना से गांवों और शहरों के उन कुशल कारीगरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो अपने हाथों से काम करके अपना जीवनयापन करते हैं। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के बाद इन कारीगरों को जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
पीएम-विश्वकर्मा योजना से श्रमिकों के बच्चों को इस प्रकार मिलता है लाभ।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि पीएम- विश्वकर्मा योजना के तहत श्रमिक की बेटी के लिए जो कॉलेज जाती है, उसको इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 50 हजार रूपए तथा श्रमिक को साइकिल खरीदने के लिए पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार से महिला श्रमिक को सिलाई मशीन खरीदने के लिए 4500 रुपए, श्रमिक के स्कूल जाने वाले बच्चों को 9, 10 वीं तथा आईटीआई व डिप्लोमा के छात्र को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। 11वीं व 12वीं के छात्र को 12 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीए करने वाले विद्यार्थियों, पॉलिटेक्निक, डिप्लोमा, सीए, एएनएम, जीएनएम, अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा, पर छात्र को 15 हजार रुपए लाभ दिया जाएगा। फार्मेसी व इंजीनियरिंग डिग्री वाले छात्र को 20 हजार रूपए तथा एमबीबीएस, बीएएमएस व बीडीएस करने वाले छात्र-छात्रा को 21 हजार रुपए वार्षिक लाभ इस योजना के तहत दिया जाता है। इस योजना के तहत, विश्वकर्मा भाई-बहनों को 3 लाख तक का बिना गारंटी ऋण की सुविधा, 15,000 तक की टूलकिट सहायता, कौशल विकास के लिए ट्रेनिंग के साथ ही प्रतिदिन 500 स्टाइपेंड, उत्पादों के लिए क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता सुनिश्चित कर उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बना रही है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से केंद्र सरकार विश्वकर्मा भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोडऩे की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

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