मातृभूमि सेवा मिशन इकाई ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का किया आयोजन

रायबरेली
रिपोर्टर विपिन राजपूत
मातृभूमि सेवा मिशन इकाई ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का किया आयोजन
विवेकानंद केवल एक व्यक्तित्व नहीं, विचारों की वह मशाल हैं जो पीढ़ियों के प्रेरणा स्रोत : प्रदीप पांडेय
युवाओं को जाग्रत करने वाले स्वामी जी के संदेश आज भी प्रासंगिक: बृजमोहन
विवेकानंद का जीवन भारतीय संस्कृति और सेवा का जीता-जागता उदाहरण : रामराज गिरी
रायबरेली। मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र, हरियाणा की संचालित (अध्यात्म प्रेरित सेवा संस्थान) की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद की 123वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और प्रेरणा के साथ मनाई गई। यह आयोजन इकाई के संयोजक प्रदीप पांडेय के नेतृत्व में सिविल लाइंस स्थित गायत्री एग्रीकल्चर एंड इंप्लीमेंट कार्यालय में बैठक संपन्न हुआ। स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को आज के समय में अत्यंत आवश्यक बताते हुए युवाओं से उन्हें जीवन में उतारने का आह्वान किया। इकाई के संयोजक प्रदीप पांडेय ने कहा कि विवेकानंद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और हमें उन्हें सिर्फ सुनने नहीं, अपनाने की जरूरत है। इकाई के जिला संरक्षक महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि विवेकानंद का जीवन दर्शन समाजसेवा, आत्मबल और राष्ट्रनिर्माण का मार्गदर्शन करता है। इकाई के जिला अध्यक्ष एवं योगाचार्य बृजमोहन ने कहा कि स्वामी जी का “उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको नहीं” का संदेश हर युवा के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वरिष्ठ चिंतक रामानुज मिश्र ने कहा कि सेवा और आत्मबल के जो सूत्र विवेकानंद ने दिए, वे भारत के पुनर्निर्माण की आधारशिला हैं। इस अवसर पर भगवत प्रताप सिंह, रामराज गिरी, राजेश पांडेय, राज यादव, राहुल, अश्विनी, सूरज मौर्य, अशोक सिंह, विनोद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन संयोजक प्रदीप पांडेय द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्र सेवा और सामाजिक समर्पण के संकल्प के साथ हुआ।