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सुनहरी यादों के साथ संपन्न हुआ शहरी निकायों के अध्यक्षों का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन

सुनहरी यादों के साथ संपन्न हुआ शहरी निकायों के अध्यक्षों का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पंचायती राज, सहकारी संस्थाओं, युवा और महिलाओं पर आधारित सम्मेलनों की राह आसान।

चंडीगढ़, 6 जुलाई :
देशभर के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन अनेक सुनहरी यादें छोड़ गया। हरियाणा विधान सभा की मेजबानी व हरियाणा सरकार के सहयोग से गुरुग्राम में संपन्न हुए इस सम्मेलन में देश भर के विकास में अग्रणी शहरी स्थानीय निकायों द्वारा प्रस्तुत किए गए विकास के मॉडल पर चर्चा की गई। इस चर्चा में 2047 में विकसित भारत के योगदान में शहरी निकायों की भूमिका बढ़ाने और उनके योगदान को लेकर संकल्प लिया गया। सम्मेलन में शहरी स्थानीय निकायों में विकास का इंजन बनने में महिलाओं की सशक्त भूमिका पर भी चर्चा की गई। इन विषयों पर जहां अनेक दिग्गजों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ वहीं हरियाणा की सांस्कृतिक छटा ने भी अनेक रंग बिखेरे। सम्मेलन में भाग लेने वाला प्रत्येक शख्स हरियाणा विधान सभा की ओर से की गई मेजबानी का मुरीद नजर आया। सम्मेलन से भविष्य में पंचायती राज संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, युवा और महिलाओं की सहभागिता पर आधारित सम्मेलनों की राह भी आसान हो गई है।
सम्मेलन के पहले दिन 3 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शहरी निकाय जनप्रतिनिधि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम बढ़ाएं तो वे निश्चित तौर पर शहरी क्षेत्र में ऊर्जावान बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश को नई दिशा देने में राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई के रूप में कार्य कर रही शहरी निकाय मजबूती से अब आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हम उज्ज्वल भविष्य के साथ भारत की लोकतांत्रिक संस्था को मजबूत करने के लिए कैसे आगे बढ़ें इसी सोच को चरितार्थ करने के लिए यह सम्मेलन कर रहे हैं।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि शहरी शासन, स्थानीय निकायों की गुणवत्ता का सीधा रिश्ता आम जनजीवन से होता है। आम जन के जीवन को आसान बनाने और विकसित करने में इनकी भूमिका अहम होती है। उपसभापति ने जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिक शासन के महत्व पर बात की।
सम्मेलन के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं की तरह शहरी स्थानीय निकायों में भी हाउस के सेशन होने चाहिए जिसे कोई लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष की तरह चयनित कोई व्यक्ति चलाए। इससे निष्पक्ष तौर पर काम करने की कार्य पद्धति बनेगी। उन्होंने कहा कि कैपिसिटी बिल्डिंग में इस तरह के सम्मेलन का अहम योगदान रहता है।
सम्मेलन में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कचरा प्रबंधन में उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए वेस्ट टू वेल्थ की नीति को अपनाने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वच्छता अभियान को नई दिशा मिलेगी, बल्कि शहरी स्थानीय निकायों के आर्थिक संसाधनों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में समाज को व्यापक जन-जागरण के माध्यम से जोड़ें, ताकि शहरों को और स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।
सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर 3 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह सम्मेलन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत- 2047 के विजन को साकार करने की राह दिखाता है। शहरी स्थानीय निकाय लोकतंत्र की प्रथम पाठशाला और नर्सरी हैं। लोकतंत्र की जड़ें स्थानीय स्तर पर जितनी गहरी होंगी, हमारा राष्ट्र उतना सशक्त बनेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अनूठी पहल के तहत इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि श्री बिरला की यह सोच है कि संसद और विधानसभाओं की तरह नीचे की सभी स्थानीय संस्थाएं भी प्रभावी रूप से कार्य करें। इसी दृष्टिकोण से यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। कल्याण ने कहा कि लोकतंत्र में जितनी अधिक चर्चा होती है, उतने ही बेहतर समाधान निकलते हैं, अधिक प्रभावी निर्णय लिए जाते हैं और लोकहित के कार्य सुचारू रूप से संपन्न होते हैं।
हरियाणा सरकार के शहरी निकाय एवं राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय नागरिक सेवा एवं नागरिक संपर्क की प्रथम एवं अहम कड़ी है। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय वह सरकार है जिनका जनता से सीधा सरोकार है। लोकतंत्र की सबसे छोटी नहीं बल्कि सबसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील इकाई है।
मध्य प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकायों में जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है और इसे जन आंदोलन का रूप देना होगा। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की तीन परतें है। लोकसभा, विधानसभा और शहरी स्थानीय निकाय और इन तीनों में शहरी निकाय सबसे जमीनी और प्रभावशाली स्तर है।
हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि अपने-अपने नगरों को ‘स्मार्ट’ ही नहीं, बल्कि समर्थ, समावेशी और सतत बनाएं ताकि ‘विकसित भारत’ का सपना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक धरातलीय सच्चाई बन सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहले से ही शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में पारदर्शिता, ई-गवर्नेस और नागरिक भागीदारी के कई सफल उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है। सम्मेलन में राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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