48 वर्षीय पुरानी किडनी फेल्योर से पीड़ित मरीज को मृतक अंगदाता की मदद से नई ज़िंदगी मिली

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी, दूरभाष – 94161 91877
फोर्टिस मोहाली में अब तक 10 वां कैडैवर ऑर्गन डोनेशन केस संपन्न।
कुरुक्षेत्र, 15 जुलाई : फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ऑर्गन ट्रांसप्लांट विभाग ने एक मरीज को मृतक अंगदाता के लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट के माध्यम से जीवनदान दिया। 76 वर्षीय मृतक अंगदाता, जो चंडीगढ़ निवासी थे, के लीवर और दोनों किडनियों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर ट्रांसप्लांट किया गया। यह फोर्टिस मोहाली में अब तक किया गया 10 वां कैडैवर (मृतक) अंगदान मामला है। सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार, एक किडनी को एक अन्य अस्पताल के साथ साझा किया गया है।
फोर्टिस मोहाली का ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कार्यक्रम की निगरानी अनुभवी ट्रांसप्लांट सर्जन – डॉ. साहिल रैली, किडनी ट्रांसप्लांट कंसल्टेंट और डॉ. मिलिंद मंडवार, लिवर ट्रांसप्लांट एसोसिएट कंसल्टेंट द्वारा की जाती है, जिनके पास जटिल ट्रांसप्लांट सर्जरी में सात से अधिक वर्षों का अनुभव है।
कैडैवर ऑर्गन डोनेशन एक जटिल प्रक्रिया है, जो केवल ब्रेन डेड घोषित किए गए मरीजों पर ही संभव है। ब्रेन डेथ कमेटी, जिसमें चार डॉक्टर शामिल होते हैं, मरीज के ब्रेन फंक्शन, प्रतिक्रिया, ब्रेन स्टेम रिफ्लेक्स और कोमा की स्थिति की दो बार (हर 6 घंटे में) जांच करती है, इसके बाद ब्रेन डेड घोषित किया जाता है।
इस मामले में, 76 वर्षीय मरीज को अचानक हुई हैमरेजिक स्ट्रोक के कारण फोर्टिस मोहाली लाया गया था। उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया और 14 दिन बाद उनके परिवार ने अंगदान की इच्छा जताई। इसके बाद ब्रेन डेथ कमेटी का गठन किया गया, जिसमें फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों के साथ-साथ डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), मोहाली के डॉक्टर भी शामिल थे। मरीज को ब्रेन डेड घोषित करने के अगले दिन फोर्टिस मोहाली की लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट टीम ने अंग निकासी की प्रक्रिया पूरी की। लिवर और दोनों किडनियों को फोर्टिस मोहाली में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि आंखों का जोड़ा पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में संरक्षित किया गया है।
किडनी प्राप्त करने वाले 48 वर्षीय मरीज पिछले पांच वर्षों से क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ से पीड़ित थे और नियमित हेमोडायलिसिस पर थे (जब किडनी काम नहीं करती तो मशीन रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल हटाती है)। डोनर की सीनियर स्थिति और सीरम क्रिएटिनिन 2.5 एमजी/डीएल होने के कारण दोनों किडनियों को एक ही मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया। इस स्थिति में सिंगल इलिएक फोसा डुअल किडनी ट्रांसप्लांट (UDKT) किया गया, जिसमें दोनों किडनियों को एक ही स्थान (अधिकतर दाहिनी ओर) में प्रत्यारोपित किया जाता है।
सर्जरी के छह दिन बाद मरीज को सामान्य ग्राफ्ट फंक्शन और 0.9 एमजी/डीएल सीरम क्रिएटिनिन स्तर के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉ. मिलिंद मंडवार और डॉ. साहिल रैली द्वारा की गई, और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
डॉ. रैली ने अंगदान की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “डोनर और रिसीपिएंट का सावधानीपूर्वक चयन सर्जरी की सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है। पहले तीन महीनों को छोड़कर सामान्य जीवनशैली में सिर्फ कुछ आहार संबंधी सावधानियां होती हैं। नियमित फॉलोअप आवश्यक है। डोनर पूल बढ़ाने के लिए एक्सटेंडेड क्राइटेरिया डोनर (जैसे बुजुर्ग और जटिल मेडिकल स्थिति वाले डोनर) को शामिल करके डुअल किडनी ट्रांसप्लांट करना एक उपयोगी रणनीति है।”
उन्होंने चिकित्सा समुदाय को इस दिशा में जागरूक करने और आम जनता को अंगदान की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता भी जताई। साथ ही राज्य भर में ब्रेन डेड ट्रॉमा मरीजों से अंगदान दर बढ़ाने के लिए ट्रॉमा और न्यूरोलॉजिकल सेंटर्स की भागीदारी भी जरूरी बताई। अंगदान के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।
वर्तमान में, फोर्टिस मोहाली में लिवर, किडनी, पैंक्रियाज और हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अंग प्रत्यारोपण हेतु पंजीकरण खुले हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें दूरभाष 62837-22996.