हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है : प्रोफेसर दिनेश कुमार

एसवीएसयू की स्किल फैकल्टी ऑफ़ एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटी द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय कार्यशाला में विषेशज्ञों ने शुरू किया हाइड्रोजन एनर्जी पर मंथन।
पलवल, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। हाइड्रोजन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वरदान साबित होगा। इस ग्रीन एनर्जी की दिशा में बड़े स्तर पर शोध करने की आवश्यकता है। वे बृस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल फैकल्टी ऑफ़ एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटी द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इस कार्यशाला में हाइड्रोजन के क्षेत्र में शोधरत देश के कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भागीदारी कर रहे हैं। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सभी से हाइड्रोजन के क्षेत्र में शोध को गति देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हाइड्रोजन एनर्जी को एक मिशन के रूप में लेकर चल रही है। इस क्षेत्र में होने वाले नवाचार देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकते हैं।
कार्यशाला के समन्वयक और स्किल फैकल्टी ऑफ़ एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटी के डीन प्रोफेसर आर इस राठौड़ ने इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने हाइड्रोजन शोध के विषय पर भारतीय भाषाओं में चर्चा करने की पहल की है। उसी के अंतर्गत हाइड्रोजन ऊर्जा- सतत एवं आत्मनिर्भर भविष्य की ओर विषय पर देश भर से आए कई विशेषज्ञ इस कार्यशाला में मंथन करेंगे। प्रोफेसर राठौड़ ने कहा कि हाइड्रोजन एनर्जी की इंडस्ट्री में बड़ी भूमिका है। हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की संभावनाओं पर बड़े स्तर पर मंथन हो रहा है, उसी कड़ी में यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि ऊर्जा की आवश्यकताओं को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। हाइड्रोजन एनर्जी एक बड़ा स्रोत है, जो हमारी जरूरतों को बिना कार्बन उत्सर्जन के पूरा कर सकता है। प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि एनसीआर में प्रदूषण गंभीर मुद्दा है। हाइड्रोजन यदि ऊर्जा के रूप में मिलती है, तो यह क्रांतिकारी कदम होगा।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर आरपी सिंह, हाइड्रोजन सेक्टर स्किल काउन्सिल, नोएडा के सीईओ एसके बॉस, आईओसीएल, फरीदाबाद के डीजीएम डॉ. सौहार्द सिंह और ईओसीएल के सेवानिवृत्त मुख्य महा निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण आचार्य ने पहले दिन हाइड्रोजन एनर्जी की संभावनाओं और क्षमताओं पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।
सह समन्वयक डॉ. कल्पना माहेश्वरी ने मंच संचालन किया और डॉ. मोहित श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर ग्रीन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रोफेसर सुनील गर्ग, प्रोफेसर सुरेश कुमार, डीन आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा सहित काफी संख्या में शिक्षक, स्कॉलर और विद्यार्थी उपस्थित थे।
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार।




