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लोक कलाकार ही प्रदेश की संस्कृति के सच्चे प्रहरी हैं : नागेंद्र शर्मा

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 23 नवम्बर : कलाकार सदैव अपने प्रदेश की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तत्पर रहते हैं। लोक कलाकार देश की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें संजो कर रखना प्रत्येक नागरिक का दायित्व बनता है। लोक कलाकार ही प्रदेश की संस्कृति के सच्चे प्रहरी है, जो लोक कला को सम्भालकर रखते हैं। आज के आधुनिक युग में एक ओर जहां युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हो रही है, वहीं लोक कलाओं और परम्परागत तौर तरीकों तथा रीति-रिवाजों के साथ अपनी प्रतिभा को लोगों के बीच प्रस्तुत करना कलाकारों का सराहनीय कार्य है। ऐसा ही कुछ दृश्य कुरुक्षेत्र 48 कोस भूमि के तीर्थों पर देखने को मिल रहा है। जहां हरियाणा प्रदेश के लोक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा कला परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र 48 कोस भूमि में स्थित कुरुक्षेत्र तथा कैथल जिला के विभिन्न तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से प्रदेश की कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र जिला में भूरिश्रवा तीर्थ, भौर सैयदा में विकास सातरोड़, विष्णुपद तीर्थ घराड़सी में निशांत शर्मा, मणिपुरक तीर्थ मुर्तजापुर में सुशील कुमार, सोमतीर्थ गुमथला गढू में बससेर सिंह, त्रिपुरारि तीर्थ तिगरी में पुनीत कौर, रेणुका तीर्थ अरणैचा में कृष्ण शर्मा, कुलोतारण तीर्थ किरमच में सुरेश कुमार तथा लोमश तीर्थ लोहारमाजरा में दिलावर शर्मा ने अपनी प्रस्तुतियों से महोत्सव को सफल बनाया। वहीं कैथल जिला में स्थित तीर्थ सूर्यकुण्ड, सजूमा में सुमित कुमार, पवनहृदय तीर्थ, पबनावा में अनिल भारती, गढरथेश्वर तीर्थ कौल में बलराज, इक्षुमति तीर्थ, पोलड़ में तरुणा शर्मा तन्नू ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम से दर्शकों का मन मोहा। इसके अलावा अन्यजन्य तीर्थ डयोडखेड़ी में सुरेश शर्मा, शुद्धास्पद तीर्थ प्यौदा में मंजू अरोड़ा, गालव तीर्थ गुलडेहरा में धर्म सिंह, अलेपक तीर्थ साकरा में विशाल शर्मा, गोभवन तीर्थ गुहना में जगदीश कुमार, ऋणमोचन तीर्थ रसीना में गीता कुमारी व सप्तशारस्वत तीर्थ मांगना में जोगिंद्र जोगी ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने बताया कि 1 दिसम्बर तक विभिन्न तीर्थों पर सांस्कृतिक आयोजन किये जाएगें। जिनमें बारणा, अमीन, संघोली, नरकातारी, फरल आदि के तीर्थ शामिल रहेंगे।

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