मनरेगा की मदद से आई उर्मिला के आंगन में खुशहाली की नई धारा


कोरिया 24 दिसम्बर 2025/ जिले में महात्मा गांधी नरेगा से कई ग्रामीण परिवारों के दैनिक जीवन में बड़ा बदलाव हो रहा है। यह व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों तरह के कार्यों का सफल परिणाम है। ऐसे ही एक किसान परिवार के लिए मनरेगा की एक छोटी सी मदद ने किसान परिवार का जीवन बदल दिया है। जिला कोरिया के जनपद पंचायत सोनहत के अंतर्गत आने वाले ग्राम कैलाशपुर में रहने वाली उर्मिला और उनके पति मंगल के लिए पानी कभी एक बड़ी चुनौती हुआ करता था। लेकिन आज, उनके घर की बाड़ी में बना एक कुआं न केवल उनकी प्यास बुझा रहा है, बल्कि उनकी आर्थिक समृद्धि का आधार भी बन गया है।
संकट से समाधान तक का सफर
उर्मिला का परिवार लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा था। दैनिक उपयोग और पीने के साफ पानी के लिए उन्हें दूर स्थित हैंडपंप तक कई चक्कर लगाने पड़ते थे। पानी की कमी इतनी अधिक थी कि वे अपनी जमीन पर खेती या सब्जी उगाने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। उनकी आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर पानी की इस कमी के कारण स्थिर हो गया था। उनकी इस समस्या को देखते हुए, वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा योजना के तहत ’व्यक्तिगत कूप निर्माण कार्य’ की स्वीकृति मिली। इस परियोजना के लिए 2 लाख 59 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई और कार्यान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत कैलाशपुर के माध्यम से समय पर निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।
बदलता जीवन और आर्थिक विकास
कुआं बनने के बाद उर्मिला के परिवार में कई बदलाव आए हैं जिनमें प्रमुख तौर पर समय की बचत शामिल है। अब उन्हे पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ता, जिससे घर की महिलाओं का समय और श्रम बच रहा है। सिंचाई की सुविधा बढ़ गई है। कुएं में पर्याप्त जल होने के कारण अब परिवार अपनी बाड़ी में रबी की फसलें ले पा रहा है। उर्मिला अब अपने खेत में आलू, गोभी और मटर जैसी सब्जियां उगाकर इन सब्जियों को बाजार में बेचकर वे हर सप्ताह अच्छी कमाई कर रही हैं।
एक कूप ने बदला जीवन
अपनी खुशी साझा करते हुए उर्मिला कहती हैं, “इस कुएं ने हमारी सारी समस्याओं को एक साथ खत्म कर दिया है। पहले हमें पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब हमारे पास जरूरत से ज्यादा पानी है। अब हम बाड़ी में सब्जियां उगाकर पैसे कमा रहे हैं। इस कुएं ने हमारी जिंदगी को तनावमुक्त और खुशहाल बना दिया है।“उर्मिला की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन कैसे एक गरीब परिवार को आत्मनिर्भर बना सकता है।




