• लम्बे समय तक सेनेटरी नैपकिन नहीं बदलना हो सकता है संक्रमण कि मुख्य वजह
• साफ और धुले कपड़े को सेनेटरी नैपकिन नहीं होने पर कर सकते हैं इस्तेमाल
• माहवारी के दौरान पुरुष का सहयोग भी ज़रूरी
कन्नौज,27 मई 2021
मासिक धर्म या माहवारी यह कोई समस्या या बीमारी नहीं बल्कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है| इस प्रक्रिया से लगभग 11 वर्ष से 40 वर्ष की अधिकतर महिलाएं गुज़रती हैं|
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मनप्रीत कौर जानकारी देते हुए बताती हैं – माहवारी के समय स्वच्छता रखना बेहद अहम है, ज़रूरी है कि इस समय सेनेटरी पैड इस्तेमाल किये जाए अगर पैड नहीं है तो साफ़ धुला और धूप में सूखा हुआ कॉटन कपडा भी इस्तेमाल किया जा सकता है| सफाई के साथ ही 2-3 घंटे के अन्तराल पर कपड़ा या पैड बदलना बहुत ही ज़रूरी है| अक्सर कामकाजी महिलाएं भी इस चीज को नज़रंदाज़ कर देती हैं| लम्बे समय तक एक ही पैड को लगाने से पसीना और रक्तस्त्राव कि वजह से बदबू के साथ ही यौन संचारी और प्रजनन मार्ग संक्रमण (आरटीआई / एसटीआई ) फैलने कि संभावना रहती है| साथ ही उचित साफ सफाई नहीं रखने पर सर्वाइकल कैंसर होने की भी संभवाना होती है|
माहवारी स्वच्छता के लिए ज़रूरी है सिर्फ माहवारी के समय ही नहीं बल्कि हमेशा ही पेशाब के बाद योनी को पानी से अच्छी तरह धोएं और बाद में साफ कपड़े से उसे साफ करले| योनी के आसपास किसी भी तरह कि नमी ना रहे, नमी रहने से खुजली और जलन होने कि पूरी संभवाना रहती है| इसलिए लिए ज़रूरी है कि बाथरूम के बाद साफ कपड़े से उस जगह को साफ करले|
उनका कहना है कि वक़्त की ज़रूरत है कि माहवारी पर खुलकर बात होनी चाहिए। सिर्फ बात ही नहीं, बल्कि माहवारी के दौरान महिलाओं को होने वाली दिक्कतों जैसे – पेट में दर्द, जी मिचलाना, कमर दर्द होना आदि पर भी बात होनी चाहिए क्योंकि इस वक़्त में महिलाओं को बहुत ज़्यादा सहयोग की ज़रूरत होती है। सिर्फ पुरुषों के बीच ही नहीं, बल्कि महिलाओं के बीच भी इस पर बात करना शर्म की बात समझी जाती है। इस पर जागरूकता की ज़रूरत है। साथ ही कोई भी समस्या होने पर बिना हिचक के डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और सही सलाह और इलाज लें|
माहवारी का प्रबंधन व निपटान
माहवारी में सूती कपड़े के पैड का उपयोग सबसे अच्छा रहता है। अगर कपड़े का पैड नहीं है तो सूती मुलायम कपड़े को पैड की तरह मोड़कर उपयोग करना चाहिए। हर दो घंटे में पैड बदलना चाहिए। पैड बदलने के समय जननांग को पानी से धोकर सुखा ले। उपयोग किये हुए पैड को साबुन व ठंडे पानी से धोना चाहिए व् तेज धूप में सुखाना चाहिए। ऐसा करने से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। सूख जाने के बाद पैड को एक साफ़ धुली कपड़े की थैली में मोड़कर रखें। माहवारी में उपयोग किये गए पैड या कपड़े को खुले में नहीं फेंकना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से उठाने वाले व्यक्ति में संक्रमण का खतरा हो सकता है। हमेशा पैड को पेपर या पुराने अखबार में लपेटकर फेंकना चाहिये या पैड को जमीन में गड्ढा खोदकर गाड़ भी सकते है।
हर साल 28 को मनाया जाता है मासिक धर्म स्वच्छता दिवस
इस दिवस को मनाने कि शुरुआत साल 2013 में वाश – जल स्वच्छता एवं स्वास्थ्य रक्षा संस्था द्वारा की गई थी, पहली बार इसको साल 2014 में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एक ऐसे विश्व का निर्माण करना है जहाँ किसी भी समय महिला अपनी निजता, सुरक्षा एवं गरिमा के साथ, अपने मासिक धर्म को स्वास्थ्य तरीके से प्रबंधित कर सकती है। इस वर्ष की थीम ‘मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता में कार्रवाई और निवेश बढ़ाने की जरूरत’ है।