मदर टेरेसा पुण्यतिथि एवं राष्ट्रीय शिक्षक दिवस आयोजित।
अररिया संवाददाता
फारबिसगंज(अररिया)स्थानीय ढोलबज्जा पंचायत स्थित आदर्श कोचिंग सेंटर में बिहार बाल मंच फारबिसगंज के द्वारा मदर टेरेसा की पुण्यतिथि एवं राष्ट्रीय शिक्षक दिवस आयोजित किया गया। विनोद कुमार तिवारी की अध्यक्षता में स्कूली बच्चों एवं सज्जनों के द्वारा दोनों तस्वीरों पर श्रद्धासुमन अर्पण के पश्चात सेंटर संचालक युगल किशोर पौद्दार (प्राचार्य) को आयोजक संस्था के द्वारा ‘चाणक्य स्मृति शिक्षा सम्मान’ के रूप में एक धार्मिक ग्रंथ सहित साहित्यिक पुस्तक प्रदान किया गया। फिर क्रमशः वक्ताओं में विनोद कुमार तिवारी, युगल किशोर पौद्दार (प्राचार्य), बबलू कुमार चौहान (शिक्षक), ज्योति कुमारी (शिक्षिका) ने मदर टेरेसा के बारे में कहा कि उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को आन्येजे गोंजा बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था और मृत्यु 5 सितंबर 1997 में हुआ था। मदर के बचपन का नाम ‘एग्नेस बोहाझिक’ था। उनके माता पिता धार्मिक विचारों के थे। मदर का स्वभाव अत्यन्त सहनशील, असाधारण और करूणामय था। उनके मन में रोगियों, वृद्धों, भूखे नंगे व गरीबों के प्रति असीम ममता थी। मदर ने अपने जीवन के 50 वर्ष तक असहाय, वृद्धों, रोगियों और बदहाल महिलाओं की सेवा की। पीड़ितों की तन-मन से सेवा करने वाली मदर टेरेसा आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन हम उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए अनाथ, असहाय, बीमारों की सेवा का संकल्प ले सकते हैं। पुनः वक्ताओं ने महान् शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में बताया कि उनकी जयंती ‘राष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ के रूप में हर साल 5 सितंबर को देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जाती है। ‘राधाकृष्णन’ भारतीय गणराज्य के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति भी रहे थे। उनका जन्म तमिलनाडु राज्य के मद्रास महानगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर तिरुतणी नामक गांव में 5-09-1888 को हुआ था। वे संस्कृतज्ञ, दार्शनिक होने के साथ-साथ शिक्षा शास्त्री भी थे। राष्ट्रपति बनने के बाद जब उनका जन्म दिवस सार्वजनिक रूप से आयोजित करना चाहा तो उन्होंने जीवन का अधिकतर समय शिक्षक होने के नाते इस दिवस को शिक्षकों का सम्मान करने हेतु ‘शिक्षक-दिवस’ मनाने की बात कही। उसी समय से हर वर्ष उनका जन्म दिवस ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाया जाता है।