हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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छाया – वीना उमेश गर्ग।
सभी श्री गणेश महोत्सव मनाने वाले श्रद्धालुओं को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं।
सभी संकटों का निवारण करती है गणेश महोत्सव पर श्री गणेश पूजा।
श्री गणेश महोत्सव पर बछड़ा, मूषक ओर गजराज की पूजा का विशेष महत्व।
कुरुक्षेत्र :- रिद्धि-सिद्धि के दाता तुम विश्व विनायक कहलाते हो। सभी वेदों के ज्ञाता गणपति बुद्धि में सभी को हराते हों। माता तेरी पार्वती हैं शिवशंकर के लाल कहलाते हो। है शान तेरी निराली बाबा सब देवों में पहले पूजे जाते हो।
गणेश जी के अष्ट विनायक रूपों में से बप्पा का ये रूप है सबसे मंगलकारी, इनकी उपासना से दूर हो जाते हैं सभी संकट।
गणेश जी का सिद्धि विनायक रूप ज्यादा मंगलकारी है।
गणेश चतुर्थी 10 सितंबर शुक्रवार ,10 दिन तक चलने वाले ये पर्व 19 सितंबर अन्नत चतुर्दशी के दिन समाप्त ; शास्त्रों के अनुसार सिद्धटेक नामक पर्वत पर इनका प्राकटय होने के कारण इनको सिद्धि विनायक के नाम से जाना जाता है। कहते हैं गणपित के सिर्फ इसी रूप की उपासना करने भर से हर संकट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। सिद्धि विनायक की चार भुजाएं हैं। उनके दोनों पत्नियां रिद्धि-सिद्धि भी विराजमान हैं. सिद्धि विनायक के ऊपर हाथ में कमल और अंकुश होता है. वहीं, नीचे के हाथ में मोतियों की माला होती है. दूसरे हाथ में मोदक से भरा पात्र होता है।