चिकित्सक डा. एनएल दास से हुए मारपीट के विरोध में ओपीडी सेवा बंद
ओपीडी सेवा बंद रहने के करण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे मरीज इलाज के लिए परेशान रहे
फारबिसगंज (अररिया) से मो माजिद
फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में सोमवार की सुबह से विगत 20 सितंबर को चिकित्सक डा. एनएल दास से हुए मारपीट के विरोध में ओपीडी सेवा बंद रहा। ओपीडी सेवा बंद रहने के करण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे मरीज इलाज के लिए परेशान रहे। हालांकि अस्पताल में ओपीडी सेवा बंद होने के लगभग एक घंटे के बाद ही घटना करने वाले आरोपित डब्लू कुमार एवं पप्पू कुमार पासवान अपने पिता एवं स्वजनों के साथ अस्पताल पहुंचे एवं चिकित्सक से अपने हुए घटना को लेकर माफी मांगी। आरोपितों ने चिकित्सक को लिखित माफीनामा दिया जिसमें उसने आगे से इस प्रकार की घटना नहीं करने का भी उल्लेख किया। आरोपितों के लिखित माफीनामा मांगने के बाद व समाज के बुद्धिजीवियों के काफी समझाने बुझाने के बाद चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए हड़ताल समाप्ति की घोषणा की। मालूम हो कि विगत 20 सितंबर को नरपतगंज खैरा गढ़िया वार्ड संख्या 15 निवासी हरिलाल पासवान की पत्नी भूलिया देवी इलाज कराने के लिए अनुमंडल अस्पताल पहुंची थी। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद स्वजनों न अस्पताल में हंगामा किया एवं ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर अनिल दास से हाथापाई भी की गई थी मामले में चिकित्सकों के द्वारा स्थानीय थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराया गया है
आज से अनुमंडल अस्पताल में शुरू होगी ओपीडी सेवा होगा मरीजों का इलाज।
फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में जहां सोमवार को ओपीडी सेवा पूर्णता बंद रहा। हालांकि इमरजेंसी सेवा में कुछ मरीजों की इलाज भी हुई लेकिन बड़ी संख्या में लोग वापस लौट रहे। आरोपितों के द्वारा लिखित माफीनामा एवं मामले का पटाक्षेप के बीच मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, भीभीडी पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक डा. रेशमा रजा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार बसाक, डॉ आशुतोष कुमार, डॉ एनएल दास, डा. अली अकबर अंसारी, प्रबंधक नाजिश नियाज ने कहा कि यह कदम चिकित्सकों के सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया था। चिकित्सक पूरी मेहनत के साथ अस्पताल में मरीज की सेवा करते है। इस दौरान अगर किसी की मरीज की मौत हो जाती है तो चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगा दिया जाता है। स्वजनो के द्वारा चिकित्सक से दुर्व्यवहार भी किया जाता है। घटना के बाद चिकित्सकों के द्वारा पूरा सबूत देने व प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अब तक किसी भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होना निंदनीय है।
कोट
आरोपितों के द्वारा लिखित माफीनामा व समाज के लोगों के आश्वासन के बाद चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है। मामले में केश भी दर्ज कराई गई है। आगे काम प्रशासन करेगी और मंगलवार से अनुमंडल अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरु होगी मरीजों का इलाज भी पूर्व के भांति होगा।
डा. रेशमा रजा, उपाधीक्षक
अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज।