किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत पर अररिया के किसान संगठनों ने निकाला विजयी जुलूस
रंग गुलाल लगाकर मनाई खुशी
अररिया
किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति अररिया के बैनर तले विजय जुलूस निकाला गया। यह जुलूस बस स्टैंड से निकल कर चांदनी चौक में एक नुक्कड़ सभा में परिवर्तित होती है। किसान मजदूर संगठनों तथा वाम दलों के सदस्यों ने एक दूसरे को गुलाल लगाते हुए सभी देशवासियों को बधाई दिया। इस रैली में शामिल जन जागरण शक्ति संगठन, ऑटो ड्राइवर यूनियन, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल और जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ने प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय का स्वागत करते हुए एक स्वर में एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनने तक आंदोलन को जारी रखने की बात कही। इसके साथ किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी, नक्सली, पाकिस्तानी जैसी संज्ञा देने वाले भाजपा नेताओं और गोदी मीडिया की काफी कड़े शब्दों में भर्त्सना भी की गई।
सीपीआई नेता डा एस आर झा ने कहा कि ” राज्यसभा में अवैध तरीके से इस कानून को पास किया गया था। आज एक साल बाद किसानों ने उस कानून को वापस लेने को मजबूर कर दिया। यह लोकतंत्र की जीत है.”
जन जागरण शक्ति संगठन के पूर्व महासचित तथा वार्ड पार्षद रंजीत पासवान ने कहा कि ” एक साल से चल रहे इस आंदोलन में लगभग 700 से अधिक किसान शहीद हुए। लेकिन प्रधानमंत्री ने उनका नाम तक नहीं लिया गया, यह उनकी संवेदनहीनता का सबूत है।”
विदित हो कि अररिया के किसानों और मजदूरों की इस आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही. यहाँ हजारों किसान मजदूर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले एकजुट हुए, सभी प्रगतिशील संगठन और पार्टियाँ एक साथ आयीं और उसके बाद से लगातार एक शांतिपूर्ण और सशक्त आन्दोलन चला जिसमे 26 जनवरी की ऐतिहासिक ट्रेक्टर रैली, भारत बंद का ज़बरदस्त प्रदर्शन की भूमिका लोग नहीं भूलेंगे. अररिया के मजदूर किसान ने दिल्ली बार्डर पर भी अपनी भूमिका निभाई. अररिया जिला से जन जागरण शक्ति संगठन और वामपंथी दलों का जत्था कई दिनों तक गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर जमा रहा.
इस विजय जुलूस में जन जागरण शक्ति संगठन के आशीष रंजन, शिवनारायण, रंजित पासवान, मांडवी देवी,डोली कुमारी, पवन, जीतन पासवान, अमर राय अररिया ऑटो ड्राइवर यूनियन के सब्यसाची, अरुण राय सी.पी.आई के डा0 एस आर झा, अभिषेक पासवान, मो० नौशाद, वदूद आलम, मुर्शीद आलम, गेनालाल महतो, इरशाद, तबरेज सी.पी.एम के राम विनय राय, विजय, मो0 नुरुल्ला, माले के राम विलास यादव, इन्द्रानंद पासवान, मो इस्माईल, हलीमा खातून शामिल हुए।