मांगे पूरी ना होने पर आशा कर्मियों ने हड़ताल कर दिया धरना
✍️ कन्नौज संवादाता राज यादव
कन्नौज । कोरोना काल के भयानक समय के दौरान जान जोखिम में डालकर नौकरी करने वाली आशा बहुओ की मांगे न पूरी होने पर सैकड़ो की संख्या में आशा बहु ने कन्नौज के मुख्यचिकित्साधिकारी दफ्तर के बाहर हवन कर विरोध प्रदर्शन किया। आशा बहु ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी मांग है । कि उनको राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए और वेतन दिया जाए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आस्वाशन दिया गया था कि आशा द्वारा काम करने पर उनको पैसा दिया जायेगा । कोरोना के समय में उनसे काम लिया गया । जब सब लोग घर पर बैठे थे तब आशा जान जोखिम में डालकर घर घर जाकर संक्रमित लोगो की जानकारी इकठ्ठा करती थी। इतना काम करने के बाद भी उनको कोई पैसा नहीं दिया गया। 1000 रूपए और साढ़े सात सौ का बाउचर भराया गया । वह भी पैसा नहीं दिया गया। नाराज आशाओं ने बताया कि जब राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियां होती हैं तब कोरोना नहीं आता है । लेकिन जब आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करती हैं तब कई प्रकार के वायरस आ जाते हैं । अपनी जान जोखिम में डालकर सभी आशाओं ने सरकार द्वारा दिए गए दिशानर्देशों को पूरी इमानदारी से निभाया था । लेकिन उसके बावजूद सरकार द्वारा उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो पुरे प्रदेश की आशा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चली जाएँगी। आशा बहुओ के प्रदर्शन के बारे में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विनोद कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने गोल मोल जवाब देकर कह दिया उनकी कुछ मांग है । लेकिन कोई जानकारी नहीं है । अभी तक उनके पास आशाओ की तरफ से कोई भी मांग का ज्ञापन नहीं आया। हैरान करने वाली बात तो यह रही कि सीएमओ दफ्तर के बाहर कई दिनों से आशा अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रही है । लेकिन सीएमओ साहेब को इसकी जानकारी तक नहीं ।