क़ुरआन की शिक्षाओं पर चल कर ही बनाया जा सकता है जीवन को सफल,फ़रोगुल क़ादरी
उर्से मेमारे मिल्लत के मौके पर हुए जलसे में उलेमाओं ने दिया शिक्षा पर ज़ोर
मेमारे मिल्लत इंतेज़ामिया कमेटी के बैनर तले सम्पन्न हुआ उर्से मेमारे मिल्लत
विवेक जायसवाल की रिपोर्ट अतरौलिया आज़मगढ़ हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मदरसा जामिया अरबिया इज़हारुल उलूम जहाँगीरगंज के पूर्व प्रधानाचार्य पूर्व शेखुलहदीस हज़रत अल्लामा अल्हाज अश्शाह मोहम्मद कौसर खान साहब किबला नईमी अलैहिर्रहमा का 10 वां उर्स व जलसा अकीदत के साथ मेमारे मिल्लत इंतेज़ामिया कमेटी के बैनर तले सम्पन्न हुआ। सुबह नमाज़े फज्र के बाद कुरान ख्वानी हुई उसके बाद शाम नमाज़े अस्र के बाद चादरपोशी व गुलपोशी का प्रोग्राम सम्पन्न हुआ, बाद नमाज़े मग़रिब लंगर का पूरा इंतेज़ाम रहा । बाद नमाज़े इशा जलसे का प्रोग्राम शुरू हुआ । जिसका आग़ाज़ (शुरुआत) हज़रत क़ारी अल्ताफ़ हुसैन बरकाती ने तेलावते कलाम पाक से किया।जलसे की सरपरस्ती पीरे तरीक़त हज़रत सैय्यद ओवैस मुस्तफ़ा साहब सज्जादानशीन बिल्ग्राम शरीफ एवं सदारत (अध्यक्षता) शाहजादे अनीसे मिल्लत हज़रत सैय्यद अज़ीज़ अशरफ साहब किछौछा शरीफ़ ने किया।बता दें कि हेलाल अहमद टाण्डवी अली रज़ा फैज़ी किछौछवी ने नात शरीफ़ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शायरों ने अपने कलाम से हुजूर के बताते रास्ते पर चलने तथा नमाज़ क़ायम रखने की नसीहत दी। बता दें कि जलसे मे मुख्य वक्ता इस्लामिक स्कालर अल्लामा फ़रोगुल क़ादरी साहब जनरल सिक्रेटरी र्वल्ड इस्लामिक मिशन लंदन ने बयान करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में कुरान करीम के पैगाम और इस की शिक्षा को आम करने की जरूरत है।कुरान शरीफ की शिक्षाओं पर चलकर ही दुनिया में इंसानियत को जिंदा रखा जा सकता है।उन्होंने कहा कि कुरान करीम रोशनी में अमली जिंदगी को गुजारने से ही सच्चाई और इंसानियत की राह अमवार हो सकती है। इस वक्त मुसलमानों के जो हालात हैं तो मुसलमानों को जरूरत है कि मजबूती के साथ क़ुरआने करीम की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और दुनिया के साथ-साथ दीनी तालीम भी हासिल करें। अरबिक युनिवर्सिटी अल्जामिअतुल अशरफिया मुबारकपुर के आज़मगढ़ से आए मौलाना मसूद अहमद ने अपने बयान में कहा कि मिल्लते इस्लाम की जिम्मेदारी है कि वह क़ुरआने करीम को आम करें तथा नबी ए करीम के बताए हुए रास्ते पर चलकर फिजूलखर्ची व अन्य तमाम बुराइयों को समाप्त कर अपने बच्चों को शिक्षा हासिल करने पर जोर दें।इस दौरान 12 तालिब इल्म को दस्तार से नवाज़ा गया। उनके सरों पर पगड़ी बांध कर सनद से नवाजा गया। और उन्हें दीन और दुनिया सवांरने की हिदायत दी गरी। मदरसे के प्रधानाचार्य हज़रत मौलाना मोहम्मद याक़ूब साहब नईमी ने जलसे में आए सभी उलेमाओं, शोएराओं व जलसे में आते हुए मेहमानों का खैर मकदम करते हुए समापन की घोषणा किया।उक्त मौके पर इलाके व गैर जनपद से आए सभी उल्माए केराम व भारी संख्या मे श्रोता मौजूद रहे। देर रात्री सलातो सलाम के बाद जलसा समाप्त हुआ।
वरिष्ठ संवाददाता विवेक जायसवाल की रिपोर्ट 9452717909