आजमगढ़ 24 जनवरी– जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी द्वारा फुलवरिया बाजार, पारा मिश्रौलिया एवं बस्ती भुजवल का निरीक्षण किया गया। फुलवरिया बाजार में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अभी भी आम जनता द्वारा मास्क नही लगाया जा रहा है, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित एसओ को निर्देश दिये कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से आम जनता को मास्क लगाने के लिए जागरूक करें।
इसी के साथ ही पारा मिश्रौलिया के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कुछ व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त किया कि कोविड का टीकाकरण कराया गया है या नही। जिलाधिकारी ने छुट्टा पशुओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की, साथ ही वृद्धावस्था पेंशन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गयी। जिस पर एक व्यक्ति ने बताया कि पहले वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी, लेकिन अब नही मिल रही है। जिस पर जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये कि संबंधित व्यक्ति का पेंशन चालू करायें। इसी के साथ ही निरीक्षण के दौरान पारा मिश्रौलिया सड़क एवं अहरौला से कप्तानगंज मार्ग क्षतिग्रस्त पाये जाने पर जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़क को तत्काल ठीक करायें।
पारा मिश्रौलिया ग्राम के सचिव से जिलाधिकारी द्वारा ग्राम के अभिलेख के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी एवं कितने लोगों को पेंशन मिल रहा है, मनरेगा की क्या स्थिति है, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत कितने लोगां ने शौचालय बनवाया है, आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर सचिव द्वारा स्पष्ट जवाब न देने पर एवं उक्त से संबंधित कोई सूचना न रखने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को सचिव के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि सचिव अपने ग्राम से संबंधित समस्त अद्यतन अभिलेख अपने पास रखें।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा पारा मिश्रौलिया के धान क्रय केन्द्र एवं कोटे की दुकानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि कार्ड नही बना है, जिस पर जिलाधिकारी ने डीएसओ को निर्देश दिये कि कैम्प लगाकर नियमानुसार राशन कार्ड बनाना सुनिश्चित करें। इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा पारा मिश्रौलिया में पशुओं के संरक्षण के लिए बनाये गये गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया गया।
बस्ती भुजवल में निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि छुट्टे पशुओं को गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित करें। गोवंश आश्रय स्थलों को नियमानुसार जो भी धनराशि अनुमन्य है, उसे उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने संबंधित एसओ को निर्देश दिये कि बीट सिपाही के माध्यम से छुट्टा पशुओं की जानकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।