सपा ने घोषित किए जिले के सात प्रत्याशी:पुराने चेहरों पर लगाया दांव,
फूलपुर में बाप-बेटे में हो सकती है भिडंत, रमाकांत को सपा ने बनाया प्रत्याशी
आजमगढ़:सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ जिले की सात विधानसभा सीटों से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। जिले की सदर सीट से पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक दुर्गा प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। जिले की यह सीट सपा की महत्वपूर्ण सीटों में गिनी जाती है। सपा ने जिले की अधिकांश सीटों पर पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है, जबकि कुछ सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है। जिले में सपा की सूची आते ही राजनीतिक तापमान गर्म हो गया है।सपा के पुराने सिपाहियों में गिने जाने वाले दुर्गा प्रसाद यादव लड़ेगें जिले की सदर विधानसभा से चुनाव।
सपा के पुराने सिपाहियों में गिने जाने वाले दुर्गा प्रसाद यादव लड़ेगें जिले की सदर विधानसभा से चुनाव।1996 से लगातार
जिले की सदर सीट से 1996 से लगातार चुनाव जीत रहे दुर्गा प्रसाद यादव को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। वैसे तो दुर्गा प्रसाद यादव का सियासी सफर 1985 से शुरू हुआ। इसी वर्ष दुर्गा प्रसाद यादव जिले की सदर विधानसभा से पहली बार निर्दलीय विधानसभा पहुंचे थे, जिसके बाद यह सिलसिला ही शुरू हो गया। सपा नेता दुर्गा प्रसाद यादव जनता दल से 1989 व 1991 में विधायक चुने गए। 1993 में दुर्गा प्रसाद यादव को हार का सामना करना पड़ा। फिर समाजवादी पार्टी से लगातार 1996, 2002, 2007, 2012, 2017 लगातार निर्वाचित होते रहे। 2012 से 2017 की अखिलेश सरकार ने दुर्गा प्रसाद यादव को परिवहन, स्टांप निबंधन पंजीयन व वन मंत्री बनाया। सदर की यह सीट अज्ञेय मानी जाती है। दुर्गा प्रसाद यादव की गिनती सपा के पुराने सिपाहियों में होती है।पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे संग्राम यादव लड़ेगे अतरौलिया से चुनाव|अतरौलिया में संग्राम बने प्रत्याशी सपा ने अतरौलिया विधानसभा सीट से संग्राम यादव को प्रत्याशी बनाया है। संग्राम यादव पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे हैं। वर्तमान में संग्राम यादव जिले की अतरौलिया सीट से विधायक भी हैं। ऐसे में सपा ने यहां पुराने सिपाही पर ही दांव लगाया है।निजामाबाद विधानसभा से आलमबदी को बनाया गया प्रत्याशी, साफ-सुथरी छवि के नेताओं में होती है गिनती।साफ-सुथरी छवि वाले आलमबदी लड़ेगें निजामाबाद से चुनाव
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने साफ-सुथरी छवि वाले आलमबदी को निजामाबाद से पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। 1996 से सपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले आलमबदी को 2007 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। चार टर्म विधायक रहने वाले आलमबदी को इस बार भी निजामाबाद से प्रत्याशी बनाया गया है।छात्र राजनीति से निकले नफीस अहमद लड़ेगे गोपालपुर सीट से चुनाव।गोपालपुर में नफीस पर दांव छात्र राजनीति से निकले व 2017 में विधानसभा में पहुंचे नफीस अहमद को गोपालपुर से पुन: प्रत्याशी बनाया गया है। हाल ही में यह सीट इसलिए चर्चा में आ गई थी कि यहां से चुनाव लड़ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव आ रहे थे। हालांकि क्षेत्रीय विधायक नफीस अहमद ने अखिलेश यादव का स्वागत करते हुए कहा था कि यह जिले का सौभाग्य होगा। बाद में अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने चले गऐ।
जिले के पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव को सपा ने फूलपुर से बनाया प्रत्याशी।
फूलपुर में बाप-बेटे में हो सकती है भिडंत
जिले की फूलपुर विधानसभा से सपा ने पूर्व सांसद रमाकांत यादव को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में इसी सीट से रमाकांत यादव के बेटे अरूणकांत यादव भाजपा के विधायक हैं। यदि भाजपा अरूणकांत यादव को इस सीट से पुन: प्रत्याशी बनाती है तो बाप बेटे में भिडंत हो सकती है।पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के बेटे को सपा ने बनाया दीदारगंज से प्रत्याशी।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के बेटे को सपा ने बनाया दीदारगंज से प्रत्याशी।
अखिलेश ने निभाया सुखदेव राजभर से किया वादा
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जिले की दीदारगंज से कमलाकांत राजभर को प्रत्याशी बनाया है। कमलाकांत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के बेटे हैं। हाल ही में सुखदेव राजभर की मौत हो गई। बसपा के वरिष्ठ नेता रहे सुखदेव राजभर ने मौत से पहले अपने बेटे को लेकर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और सपा के प्रति अपना रूख नरम किया था और बेटे को अखिलेश यादव के हवाले किया था। अखिलेश यादव ने जो वादा किया था उस वादे को निभाते हुए दीदारगंज सीट से कमलाकांत को प्रत्याशी बनाया है।जिले की लालगंज सीट से सपा ने बनाया बेचई सरोज को प्रत्याशी लालगंज से लड़ेगे बेचई सरोज सपा ने लालगंज से बेचई सरोज को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2012 के विधानसभा चुनाव में चुनाव जीते बेचई सरोज 2017 के विधानसभा चुनाव में लालगंज सीट से बसपा उम्मीदवार आजाद अरिमर्दन से चुनाव हार गए थे। सपा ने एक बार फिर बेचई सरोज पर दांव लगाया है।