मिल की लापरवाही से गन्ना बेचने को धूप में तप रहे किसान
अंबेडकरनगर
चीनी मिल मिझौड़ा के आसपास की सभी सड़कें गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्रालियों से खचाखच भरी हैं। मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार से पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति पिछले चार दिनों से बनी हुई है।
शनिवार को कई किलोमीटर लंबे जाम से लोग कराहते रहे। मिल प्रबंधन की लापरवाही के कारण किसान लू के थपेड़ों, धूल के गुबार और कड़ी धूप के बीच गन्ने के साथ खुद भी सूख रहे हैं, लेकिन मिल प्रशासन उनकी परेशानी का मजाक उड़ा रहा है। किसानों व मिल के सुरक्षा कर्मियों के बीच गेट पर कहासुनी भी होती रही। राहगीर, बोर्ड परीक्षार्थी, एंबुलेंस, सरकारी व निजी वाहन सवार परेशानी झेलने को विवश रहे। उन्हें एक-दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लंबा चक्कर काटना पड़ा। इससे यूपी बोर्ड के परीक्षार्थी केंद्रों पर विलंब से पहुंचे। चार दिनों से गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी कतार मिल गेट से लेकर तिवारीपुर-मिझौड़ा मार्ग, मिझौड़ा-सेनपुर मार्ग, चीनी मिल मोड़-भगवानपट्टी मार्ग पर लगी हुई है। सेनपुर, तिवारीपुर, यादवनगर, महरुआ, भीटी, अकबरपुर, गोसाईंगंज मार्गों के अलावा संपर्क मार्गों से गन्ना लदी ट्रालियों का रेला मिल पहुंच रहा है। मिल प्रशासन की लापरवाही से बिगड़े हालात: मिल अधिकारियों की लापरवाही से किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है। अचानक अधिक मात्रा में इंडेंट तथा समिति द्वारा किसानों को थोक में पर्चियां जारी करने के कारण उत्पन्न समस्या से किसानों के शक की पुष्टि भी होती है। बुधवार रात मिल ने क्रय केंद्रों सहित मिल गेट पर गन्ने की तौल फ्री करते हुए अवशेष गन्ने की शीघ्र आपूर्ति करने संबंधी फरमान जारी किया था। इससे किसानों में गन्ना बेचने की होड़ लग गई और वे महंगे दर पर मजदूर लगाकर सपरिवार दिन-रात खेतों में फसल की कटाई, छिलाई कर गन्ना लेकर मिल तक पहुंचने लगे। उनका कहना है कि प्रबंधन कभी भी मिल बंद कर सकता है। ऐसे में किसानों को ट्रालियों पर सूख रहे व खेतों में खड़ा गन्ना बेचने से वंचित होने का डर सता रहा है। 28 मार्च को मिल बंद होने की चर्चा है।पेराई सत्र का अंतिम समय चल रहा है। अभी पेराई रोकी नहीं गई है। किसानों को धैर्य रखना चाहिए। सभी किसानों का गन्ना खरीदने के बाद ही मिल बंद की जाएगी। खेतों में अवशेष गन्ने की दशा में मिल उसे बीज के रूप में खरीदेगी।
रवींद्र सिंह, अपर गन्ना मुख्य प्रबंधक, मिझौड़ा चीनी मिल