वृंदावन से पधारे आचार्य श्री राम जी ने परमार्थ भवन में पांचवे दिन प्रवचन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के नामकरण, बाल लीलाओं व गोवर्धन लीला का किया वर्णन

वृंदावन से पधारे आचार्य श्री राम जी ने परमार्थ भवन में पांचवे दिन प्रवचन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के नामकरण, बाल लीलाओं व गोवर्धन लीला का किया वर्णन

फिरोजपुर 13 अप्रैल [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=

सनातन धर्म में जन्म से लेकर मृत्युपयर्न्त सोलह संस्कार बताये गये है नाम करण संस्कार उन मे से एक है वृंदावन के आचर्य श्री राम जी द्वरा जारी परमार्थ भवन में श्रीमद् भगवत गीता के पॉचवे दिन प्रवचन करते हुए उन्होने भगवान श्री कृष्ण के नामकरण ,बाल लीलाओं व गवर्धन लीला का वर्णन करते हुए बतया कि वासुदेव की प्राथर्ना पर यदुओ के पुपोहित महातपस्वी गर्गाचार्य ब्रज पहुँचे। उंहे देखकर नंद अति प्रसन्न हुए । नंद जी ने उंकी पुजा अर्चना के बाद प्रणाम कर कहा हे गुरूवर आप मेरे इन बच्चे का नाम करण करें किन्तु गर्गाचार्य ने कहा कि ऐसा करने में कुछ अड़चने है क्यो कि मैं युदुवंशियों का पुरोहित हूँ अगर मैं इनका नामकरण करता हूँ तो लोग इसे देवकी का पुत्र ही समझेंगे क्योकि कंस तो पापमय बुद्धि का है वह हमेशा निरथर्क बाते ही सोचता है दूसरी और तुम्हारी व वासुदेव की मित्रता है । अब मुख्य बात यह है कि देवकी की आठवी संतान लड़की नही हो सकती क्योकि योग माया ने कंस को कहा था पापी मुझे मारने का क्या फायदा। कंस सदैव सोचता है कि मुझे मारने वाला कहीं न कहीं अवश्य पैदा हुआ होगा । यदि मैं नामकरण कर दूं तो अवशय ही मार देगा। गुरू गंगाचार्य की बात सुनकर नंदबाबा ने कहा कि अगर ऐसी बात है तो कृप्या आप ऐकांत स्थान पर चलकर इनका द्विजाति नाम संस्कार करवा दिजिए। इस विष्य में मेरे आदमी भी नही जान पांयेंगे नंद की इन बातो को सुनकर गुरू गंर्गाचार्य ने एकांत में छिपकर नाम करण कर दिया। नाम करण करना तो अभीष्ट ही था इसीलिए तो वह आये थे। भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि यशौदा ने अपने लल्ला कान्हा को बड़े ही लाड प्यार से पाला। भहवान श्री कृष्ण बच्चन से ही बहुँत नटखट थे। यशौदा ओर नंदबाबा उंके नटखट पन से परेशान थे। श्री कृष्ण का अपने मित्रों के साथ मिलकर माक्खन चुराकर खाना ,गौपियो का मटकी फौड़ने में उंहे मझा आता था तो गांव वाले हर रोज यशौदा मईया के पास कान्हा कि शिकायत लेकर जाते थे जिस्से कन्हा को अपनी यशौदा मईया से डांट भी खानी पढ़ती थी। बचपन में ही कालिया नाग की भी अदभूत लीला कर सभी को कान्हा ने हैरान कर दिया । एक बार श्री कृष्ण अपने मित्रो के साथ यमुना नदी के किनारे गेंद से खेल रहे थे कि अचानक गेंद यमुना नदी में चली गई मित्रो ने मिलकर उंहे ही गेद खोजने के लिये नदी ने भेज दिया । बाल गौपाल भी एकदम पेड़ पर चढ़कर नदी में कूद गये वंहा उंहे कालिया नांग मिला जो यमुना नदी के अमृत जल को जहरिला बना रहा था। श्री कृष्ण का कालिया नाग से युद्ध होता है जिस्का श्री कृष्ण ने वध कर दिया। अचार्य श्रीराम ने ऐसी ही भगवन श्री कृष्ण की बचपन की लीलाओं का सुंदर वर्णन कर संगत को मंत्रमधु कर दिया। संगत भी आचर्य जी के प्रवचन सुनकर निहाल हुई।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाने की तैयारी

Thu Apr 13 , 2023
डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाने की तैयारीअम्बा :-एकलाबी नौजवान सभा एवम संविधान सुरक्षा परिषद की कुटुम्बा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में अगामी 14 अप्रैल को बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की 132वीं जयंती मनाई जाएगी यह आयोजन अम्बेडकर नगर झरहा से होगा आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया […]

You May Like

Breaking News

advertisement