कृषि वैज्ञानिकों ने गुरुकुल फार्म का दौरा कर प्राकृतिक खेती की बारीकियों को समझा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र, 5 दिसम्बर : दक्षिण भारत के विभिन्न प्रदेशों से आए 120 से अधिक कृषि वैज्ञानिकों ने आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म का दौरा किया और प्राकृतिक खेती के स्टेट एडवाइजर डाॅ. हरिओम से खेती की पारम्परिक तकनीक की बारीकियों को न केवल समझा बल्कि इसके वैज्ञानिक पक्ष पर भी चर्चा की। आईसीएआर और कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र पर आए इन वैज्ञानिकों को डाॅ. हरिओम ने बताया कि गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक आचार्य श्री देवव्रत जी ने लगभग 10 वर्ष पहले यहां पर प्राकृतिक खेती करना आरम्भ किया था जिसके चमत्कारिक परिणामों ने आज पूरे देश के कृषि वैज्ञानिकों को एक नई सोच और शोध प्रदान की है। आचार्य देवव्रत जी के इस कृषि फार्म पर गेंहू, धान, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार की फल-सब्जियों की देशी गाय पर आधारित प्राकृतिक खेती होती है जिनका उत्पादन खाद, पेस्टीसाइड वाली रासायनिक खेती से भी अधिक होता है। आचार्य श्री देवव्रत जी के आह्वान पर पहले हिमाचल प्रदेश में और अब गुजरात में लाखों किसान रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और आर्थिक रूप से सबल बन रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में प्राकृतिक खेती समय की जरूरत है।
डाॅ. हरिओम ने बताया कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र, आईसीएआर नई दिल्ली और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत देश के 425 कृषि विज्ञान केन्द्रांे के वैज्ञानिकों को 5 से 16 दिसम्बर तक चार बैच में प्राकृतिक कृषि की टेªेनिंग दी जाएगी। आज पधारे प्रतिनिधि मंडल में कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम और तमिलनाडु आदि दक्षिण भारत के कृषि विज्ञान केन्द्र के 120 कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया जिन्हें फार्म का दौरा करवाने से पहले प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं की एक प्रेजेंटेशन के साथ जानकारी दी गई। यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद ये वैज्ञानिक अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे जो देश में प्राकृतिक खेती के विस्तार में एक बड़ा कदम साबित होगा। इस अवसर पर आईसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. केशव, कृषि विभाग के अधिकारी डाॅ. देशपाल, डाॅ. रामगोपाल, डाॅ. विनोद कुमार और डाॅ. दिनेश कुमार भी मौजूद रहे।