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दलीय निष्ठा पर भारी पड़ रही चुनाव लड़ने की ललक
अंबेडकरनगर। विधानसभा चुनाव में इस बार पार्टी की निष्ठा पर चुनाव लड़ने की ललक भारी पड़ रही है। बीते कई दशक के विधानसभा व लोकसभा चुनाव को शामिल कर लिया जाए, तो इस बार हो रहे विधानसभा चुनाव में दलबदल ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। किसी एक चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर अपनी पार्टी को बॉय-बॉय नहीं कहा था। दलबदल के मामले में पहले से चर्चित रहे जलालपुर में इस बार का दलबदल सबसे ज्यादा रोचक व जुदा है। चुनाव लड़ने के लिए पाला बदलने वाले लगभग सभी नेताओं को उनकी नई पार्टी टिकट या तो थमा चुकी है या फिर दिए जाने के आसार हैं। इनमें से किसे चुनाव जीतने में सफलता हासिल हो पाएगी, यह देखना भी आगे कम दिलचस्प नहीं होगा।बात विधानसभा चुनाव की हो या फिर लोकसभा। चुनाव जीतने के लिए जिले में भी पाला बदल का सिलसिला चलता रहा है। हालांकि इस बार का विधानसभा चुनाव दलबदल के मामले में नया इतिहास रच रहा है। कारण यह कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों मेें तमाम बड़े नेताओं ने दूसरे दल का दामन थाम लिया है। विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले बसपा से निकाले गए पूर्व मंत्रियों विधायक रामअचल राजभर व विधायक लालजी वर्मा तमाम अटकलों के बीच सपा में शामिल हो गए। अकबरपुर व कटेहरी सीट पर सपा में पहले से तमाम बड़े दावेदार होने के बावजूद पार्टी ने इन दोनों नेताओं को टिकट दे दिए हैं।अकबरपुर के पूर्व विधायक पवन पांडेय बसपा से अकबरपुर से टिकट की दौड़ में थे। इन सबके बीच अचानक हुए घटनाक्रम मेें उनके पुत्र प्रतीक ने भाजपा छोड़कर अपने पिता के साथ बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बसपा ने प्रतीक को कटेहरी से टिकट भी थमा दिया। यहां से बसपा का टिकट पाने की आस मेें भाजपा नेता ओमप्रकाश उपाध्याय ने भी पार्टी छोड़ बसपा का दामन थामा था। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिल सका। अकबरपुर सीट पर भाजपा के टिकट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके चंद्रप्रकाश वर्मा ने भाजपा को अलविदा कहते हुए बसपा की सदस्यता तब ग्रहण कर ली, जब मौजूदा विधायक रामअचल राजभर को बसपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
दलबदल की सबसे रोचक तस्वीर जलालपुर में देखने को मिली। यहां पूर्व मेें सपा से विधायक रह चुके पूर्व सांसद राकेश पांडेय ने बसपा को छोड़ सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। सपा के मौजूदा विधायक सुभाष राय को टिकट न मिलने के स्पष्ट संकेत मिले, तो वे अब फिर से भाजपा के हमराह हो गए। भाजपा ने उन्हें टिकट भी प्रदान कर दिया है। लगातार दो बार भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी नेता राजेश सिंह ने राकेश पांडेय व सुभाष राय के दलबदल से पहले ही भाजपा छोड़कर बसपा की सदस्यता ले ली। बसपा ने जलालपुर से उन्हें अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया।
अभी हो सकते हैं कई और दलबदल
चुनाव निकट आने के साथ ही जिले मेें अभी और ज्यादा दलबदल देखने को मिल सकता है। इसमेें अकबरपुर, टांडा व कटेहरी सीट मुख्य रूप से शामिल है। अकबरपुर के एक बड़े सपा नेता पर भाजपा की तरफ से लगातार डोरे डाले जा रहे हैं। ऑफर यह भी है कि भाजपा की तरफ से लड़ने का मन न हो, तो अपना दल के सहारे चुनाव मैदान मेें उतर लिया जाए। हालांकि इस नेता को सपा की तरफ से टिकट की हरी झंडी लगभग हो चुकी है। कटेहरी मेें एक भाजपा नेता द्वारा दलबदल किए जाने को लेकर पशोपेश की स्थिति है। टांडा मेें सपा की तरफ से टिकट के दावेदार एक नेता पिछले लंबे समय से वरिष्ठ बसपा नेताओं के संपर्क मेें हैं।