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बिहार पृथ्वी दिवस पर लगाए वृक्ष-सूदन सहाय
अररिया
बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त
साल 2011 में बिहार पृथ्वी दिवस का आयोजन शुरु किया गया था। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट से जो स्थिति उत्पन्न हुई है, इसके लिए विशेष अभियान बिहार सरकार द्वारा चलाया गया। जल संरक्षण के लिए सभी को मिल जुलकर काम करना होगा । पृथ्वी को बचाने के उद्देश्य से पृथ्वी का संरक्षण और इसमें जन सहभागिता को बढ़ाना इसका मकसद है। पृथ्वी को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने के लिए हर आम और खास को संकल्प लेना होगा। जिस रफ़्तार से दुनिया विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई कर रही है, उससे पर्यावरण पर जो संकट पैदा हो रहा है,वह भयावह है।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट से एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ सुखाड़ की स्थिति दर्दनाक है। इन सब परिस्थितियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभियान जल-जीवन-हरियाली काफी अहम् है। बिहार के बंटवारे के बाद राज्य का वन क्षेत्र सात प्रतिशत रह गया था। राज्य में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बिहार पृथ्वी दिवस, वन महोत्सव मनाया जाता है और बिहार में हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए करोड़ पौधे लगा कर हरित आवरण क्षेत्र को बढाया जा रहा है । इस में आम भागीदारी जरुरी है। आप भी जुड़े और पेड़ लगाये, बिहार पृथ्वी दिवस के उद्देश्य को सफल बनाये ,हरियाली है तो जीवन है । उक्त बातों का उदगार,पर्यावरणविद,सह वरिष्ठ पत्रकार सूदन सहाय ने मीडिया को देकर की है।