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हरियाणवी लोकधुनों से सजी कला परिषद की शाम, सुरताल कार्यक्रम में कलाकारों ने मचाया धमाल

ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी, छाया- सानवी।

कला कीर्ति भवन में सितार, तबले और बांसुरी की जुगलबंदी ने बांधा समां, शास्त्रीय वाद्यवृंद कार्यक्रम के कायल हुए श्रोता।

कुरुक्षेत्र 6 सितम्बर : हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन में आयोजित होने वाली साप्ताहिक संध्या में शिक्षक दिवस के अवसर पर सुरताल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शास्त्रीय वाद्यवृंद के माध्यम से कलाकारों ने विभिन्न रागों और लोकधुनों को प्रस्तुत किया।

इस मौके पर विद्या भारती संस्कृति शिक्षण संस्थान के निदेशक सुधीर बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम से पूर्व हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यअतिथि का स्वागत किया। मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। दीप प्रज्जवलन के साथ प्रारम्भ हुए सुरताल कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने डॉ प्रभजोत कौर के निर्देशन में शास्त्रीय वाद्यवृंद के माध्यम से अलग-अलग रागों और लोकधुनों को सुनाया। गणेश वंदना से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में कलाकारों ने अलग- अलग वाद्ययंत्रों के माध्यम से गणेश की स्तुति की। इसके बाद शास्त्रीय, अर्धशास्त्रीय, सूफी, भक्ति, कव्वाली तथा लोकधुनों का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। एक के बाद एक धुन कलाकारों के साथ-साथ श्रोताओं को जोड़ती चली गई। कलाकारों ने जब पंजाबी और हरियाणवी लोकधुनों को सुनाना प्रारम्भ किया तो सुनने वाले सब हैरान हो गए। पहली बार सितार, तबले और बांसुरी की जुगलबंदी में हरियाणवी लोकगीतों को श्रोता सुन रहे थे। कलाकारों की प्रस्तुति ने माहौल को इतना खुशनूमां बना दिया कि श्रोता भी तालियों के माध्यम से कलाकारों का साथ देते नजर आए। मेरा नौ डांडी का बीजणा, मेरा दामण सिमादे ओ ननदी के बीरा जैसे गीतों को जब कलाकारों ने शास्त्रीय वाद्यों के साथ प्रस्तुत किया तो भरतमुनि रंगशाला में बैठे सभी कलाप्रेमियों ने कलाकारों की खुले दिल से प्रशंसा की। लगभग एक घण्टे के कार्यक्रम में डॉ. प्रभजोत कौर और उनके साथियों ने अपनी प्रतिभा से सभी का दिल जीता। कार्यक्रम में तबले पर हरमन, बांसुरी पर गौरव शाह, क्लैप बॉक्स पर जगन्नाथ, हरमॉनियम पर अर्जुन, गिटार पर विशाल व रुकम तथा सितार वादन में डॉ. प्रभजोत कौर, शिवानी सेन, पंकज, अमृतपाल कौर ने संगत दी। गायन में खुशदीप कौर व सलोनी ने साथ दिया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि सुधीर ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगीत जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। संगीत के बिना जीवन अधुरा है। संगीत मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है जो भावनाओं को व्यक्त करने, तनाव कम करने, खुशी और ऊर्जा प्रदान करने के साथ- साथ मस्तिष्क को सक्रिय करता है। युवा कलाकार जब संगीत के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं तो न केवल लोगों को सफल मनोरंजन मिलता है, बल्कि कलाकारों को भी आत्मिक शांति की अनुभूति होती है। वहीं हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हरियाणा कला परिषद का ध्येय प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ-साथ उभरते कलाकारों को मंच प्रदानक करना है। ताकि पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर युवा भारतीय संस्कृति से जुड़कर कला और संस्कृति का व्यापक विस्तार कर सकें। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया, वहीं नागेंद्र शर्मा ने स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्यअतिथि सुधीर का आभार जताया।

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