बिहार :मलेरिया पर नियंत्रण को प्रशिक्षित की जा रही आशा कार्यकर्ता

मलेरिया पर नियंत्रण को प्रशिक्षित की जा रही आशा कार्यकर्ता

-मलेरिया प्रभावित जिले के चिह्नित गांवों की 100 आशा कार्यकर्ताओं को दिया जायेगा प्रशिक्षण
-जागरूकता मलेरिया से बचाव का बेहतरीन जरिया, आस-पास के माहौल को स्वच्छ बनाये रखना जरूरी

अररिया

जिले में मलेरिया हमेशा से एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या रहा है। जिले में सैकड़ों लोग हर साल इससे प्रभावित होते हैं। मलेरिया एक मच्छर जनित रोग है। मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से ये फैलता है। जिले में मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिये जिले के विभिन्न प्रखंडों के कुल 100 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है।

मच्छरों की वजह से होने वाला प्रमुख रोग है मलेरिया :

मलेरिया से संबंधित जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि मलेरिया एक मच्छर जनित रोग है। संक्रमित मच्छर के मौजूद परजीवी की वजह से यह बीमारी होता है। मलेरिया प्लाजमोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है। एनाफिलिज नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से यह मनुष्य के रक्त प्रवाह में वायरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर किसी व्यक्ति में मलेरिया संचारित कर सकता है जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा है।

रोग संबंधी लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान आसान :

डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया मलेरिया के कई लक्षण हैं। लेकिन एक ही मरीज में सभी लक्षण दिखे यह जरूरी नहीं है। अमूमन बुखार आना, सिरदर्द, उल्टी होना, मन मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना सहित अन्य अन्य रोग के प्रमुख लक्षण हैं। कोई भी साधारण बुखार मलेरिया हो सकता है। रोगी के बल्ड सैंपल की जांच से रोग का पता आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रोग से बचाव के कई आसान उपाय हमारे पास उपलब्ध हैं। इसमें मच्छरदानी का प्रयोग, आस-पास के माहौल की स्वच्छता का ध्यान रखना, जलजमाव की स्थिति पैदा न होने देना, घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का प्रयोग, मच्छर के घर में प्रवेश को रोकने के लिये खिड़कियों पर जाली का प्रयोग सहित अन्य उपाय किये जा सकते हैं।

प्रशिक्षण के लिये 100 आशा कार्यकर्ता चयनित –

डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के लिये कुल 100 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है। इसमें फारबिसगंज से 15, नरपतगंज से 13, अररिया से 15, जोकीहाट से 12, पलासी से 10, रानीगंज से 15, भरगामा से 08, कुर्साकांटा से 06 व सिकटी से 06 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है।

रोग के बारे में समुचित जानकारी देना प्रशिक्षण का उद्देश्य :

वीडीसीओ ललन कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया रोग से समुचित जानकारी देना प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है। ताकि अपने पोषक क्षेत्र में किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखने व तत्काल जांच के बाद उनका इलाज शुरू कराया जा सके। उन्होंने बताया डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल मलेरिया की वजह से 2 लाख लोगों की मौत होती है। इसका सबसे अधिक शिकार 05 से 14 साल के बच्चे होते हैं। मलेरिया रोग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। रोग नियंत्रण के लिये उन्होंने जन जागरूकता को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में वीबीडी कंस्लटेंट सुरेंद्र बाबु सहित अन्य मौजूद थे।

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