अयोध्या :DM व SSP पहुँचे महराजगंज थाना सुनी समाधान में शिकायते, दिए निर्देश, फोन से चेक किया निस्तारण

अयोध्या
DM व SSP पहुँचे महराजगंज थाना सुनी समाधान में शिकायते, दिए निर्देश, फोन से चेक किया निस्तारण
आबादी प्रकरण पर कहा कि न्यायालय के नाम पर न टरकाए, करे कार्यवाही
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
थाना समाधान दिवस के अवसर पर थाना कोतवाली महाराजगंज में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनी जनसामान्य की समस्याएं।
जन-सामान्य की समस्याओं के त्वरित एवं गुणवत्तापरक ढंग से निस्तारण हेतु मा0 मुख्यमन्त्री के निर्देश पर जनपद की समस्त कोतवाली/थानों में ‘समाधान दिवस’ तथा सभी तहसीलों में ‘सम्पूर्ण समाधान दिवसों’ का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में आज जनपद के सभी थानों में ‘समाधान दिवस’ का आयोजन किया गया।।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय के साथ आज थाना कोतवाली महाराज गंज में आयोजित ‘समाधान दिवस’ में लोगों की समस्याओं को सुनकर उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया इस अवसर पर अधिकारी द्वय द्वारा पूर्व में आयोजित हो चुके ‘समाधान दिवसों’ में प्राप्त प्रार्थना-पत्रों के निस्तारण की गुणवत्ता का परीक्षण भी किया तथा शिकायत कर्ताओं से फोन पर वार्ताकार फीडबैक भी प्राप्त किया गया। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा निस्तारण पर संतोष व्यक्त किया गया। अधिकारी ने कहा कि थाना दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतकर्ता की समस्या का तात्कालिक एवं गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जाए ।इस अवसर पर अधिकारी द्वय ने निर्देशित कि ‘समाधान दिवस’ पर जैसे-जैसे प्रार्थना-पत्र प्राप्त होते जायं, तत्समय ही हल्का लेखपाल एवं बीट सिपाही की टीम बनाकर जाँच हेतु मौके पर रवाना कर दी जाय। यदि उसी लेखपाल/हल्का सिपाही के क्षेत्र की और शिकायतें आती हैं तो उन पर तत्समय ही संयुक्त जाँच हेतु निर्देश अंकित कर दिया जाय और बाद में संयुक्त जाँच कराकर समस्या का समाधान कराया जाय। ‘समाधान दिवस’ प्रकरणों का किसी भी लेखपाल अथवा बीट सिपाही द्वारा अकेले जाँच न की जाय। संयुक्त रूप से मौके पर जाकर जाँच की जाय और पक्षों की आपसी सहमति से प्रकरण का निस्तारण करने का प्रयास किया जाय। यदि किसी प्रकरण विशेष में अतिरिक्त पुलिस बल की आवश्यकता हो तो उसकी भी माँग कर ली जाय। आबादी भूमि से सम्बन्धित शिकायती प्रार्थना-पत्रों की जाँच रिपोर्ट में क्षुब्ध पक्ष को मात्र न्यायालय से अनुतोष प्राप्त करने की बात का उल्लेख न किया जाय बल्कि यदि दबंगई या जबरदस्ती भूमि पर कब्जे की शिकायत की गयी है तो तुरन्त निराकरण करायें ताकि विवाद विकराल रूप न धारण करने पाये। ऐसे प्रकरणों में समुचित कार्यवाही हेतु एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जा सकती है अथवा 151 सी-आर0पी0सी0 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। कानून-व्यवस्था खराब होने का अंदेशा होने पर 145 सी-आर0पी0सी0 के तहत नियमानुसार सम्पत्ति कुर्क की जा सकती है। जिन प्रकरणों में किसी न्यायालय में वाद लंबित होने उल्लेख किया जाता है, ऐसे प्रकरणों में वाद संख्या, उनवान, अग्रिम तारीख पेशी, स्थगन है अथवा नही आदि का स्पष्ट उल्लेख किया जाय तथा आवेदक को मा0 न्यायालय से अनुतोष प्राप्त करने हेतु जांचकर्ता द्वारा अवश्य बताया जाय। साथ ही साथ ग्राम समाज, तालाब, बंजर आदि भूमि पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा हो अथवा कब्जा कर लिया गया है और किसी न्यायालय से स्थगन आदेश आदि नहीं है, तो ऐसे मामलों में तत्काल सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए अवैध कब्जा हटवा कर आख्या अपलोड करायें। जिन मामलों में परोक्ष रूप से यथा-मेड़ आदि काट कर दबंगई के बल पर कब्जा किया गया हो, उनमें दोनों पक्षों को बुलाकर समझाया जाय अन्यथा स्थिति में पक्षों के विरुद्ध धारा 107/116/151 जा0 फौ0 के अन्तर्गत निरोधात्मक कार्यवाही की जाय। साथ ही साथ ग्राम समाज, चकरोड, बंजर, तालाब आदि की भूमि पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा हो, उसे तत्काल रोकवा जाय। आवश्यक होने पर धारा 133 सी-आर0पी0सी0 के तहत कार्यवाही कर चकमार्ग/नाली आदि का प्रकरण सुलझाया जा सकता है। मार्ग आदि पर अतिक्रमण में धारा 324, पुलिस ऐक्ट का भी उपयोग किया जा सकता है।
जिलाधिकारी श्री झा ने कहा कि निस्तारण आख्या निर्धारित प्रारूप पर ही दी जाय तथा जिन मामलों का निस्तारण पक्षों की आपसी सहमति से होता है, उनमें निस्तारण आख्या पर पक्षों का हस्ताक्षर अवश्य करा लिया जाय तथा जिन मामलों में पक्षों की आम सहमति न बनती हो, उनमें उचित कार्यवाही की संस्तुति करते हुए गवाहों के भी हस्ताक्षर कराया जाये। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जिन प्रकरणों में आवेदकों द्वारा फीडबैक के माध्यम से आख्या पर असंतोष व्यक्त किया जा रहा हो, उन प्रकरणें में आवेदक को जांचकर्ता स्वयं सुने और निमयानुसार निराकरण करायें समाधान न होने पाने की स्थिति में यथावश्यकता वरिष्ठ अधिकारी अपने समक्ष उभय पक्षों को तलब कर समस्या का समाधान करायें। उन्होंने समय-समय पर उप जिलाधिकारी/क्षेत्राधिकारी को भी संयुक्त रूप से क्षेत्र में भ्रमण कर फीडबैक के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निमयानुसार समाधान कराने हेतु निर्देशित किया।

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