*बिजेंन्द्र सिंह की खास रिपोर्ट:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2022 तक निशुल्क राशन देने की घोषणा की है।अंत्योदय कार्ड धारकों को राशन में 35 किलो चावल, गेहूं के साथ-साथ दाल, तेल और नमक देने का ऐलान किया। अंत्योदय कार्डधारकों को अब हर महीने चीनी भी दी जायेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान अपने अयोध्या दौरे में दीपोत्सव के दौरान किया। इस योजना से 15 करोड़ जरूरतमंद कोरोना की मार झेल रहे लोगों को फायदा पहुंचाया जाएगा।
कोरोना संकटकाल के दौरान प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के अलावा राज्य कि योगी सरकार ने अपनी तरफ से भी नि:शुल्क राशन वितरण करना शुरू किया। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक और फिर मई 2021 से नवम्बर तक दिया जा चुका है। 5 नवंबर ‘2021, तक कुल 12 महीने नि:शुल्क राशन वितरण हो चुका है। इसमें तीन किलो गेहूं, दो किलो चावल दिया जाता है। इसी योजना को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से मार्च ‘2022, तक चलाने की योजना बनायी है। राज्य सरकार इसमें 1 किलो दाल,1 लीटर तेल और नमक का एक पैकेट जोड़ेने का फैसला किया है।
योगी सरकार ने श्रमिक व प्रवासियों, मनरेगा मजदुरों समेत सभी कार्डधारकों के लिए बीते वर्ष योजना चलाई और ‘2020, में अप्रैल, मई, जून में नि:शुल्क अनाज वितरण किया। वहीं ‘2021, में भी कार्डधारकों को जून, जुलाई, अगस्त में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत दिए जाने वाला अनाज नि:शुल्क दिया गया। इसमें प्रति यूनिट के हिसाब से पांच किलो राशन दिया जाता है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर अलग क्षेत्रीय संगठनों और विधायकों से फीडबैक लिया तो सबसे ज्यादा सकारात्मक परिणाम निशुल्क राशन वितरण को लेकर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को भी इस नई योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पात्र गृहस्थी के तहत सात लोगों के परिवार को 35 किलो और पांच लोगों के परिवार को 25 किलो यानी प्रति यूनिट पांच किलो अनाज दिया जाएगा। इन परिवारों को भी अंत्योदय कार्ड धारकों की तरह ही खाद्यान्न के साथ-साथ दाल,सरसों का तेल और नमक देने का फैसला किया है।
अब यह बात देखना महत्वपूर्ण होगा कि कोटेदार कितनी ईमानदारी से अपने कार्ड धारकों को इस योजना का पूरा लाभ देते हैं। और इसके प्रति जागरूक करते हैं।
क्योंकि अक्सर गांवो और नगर पंचायतो में कोटेदार, खासतौर पे उन ग्रामीण अंचलों में जो थोड़ा पिछड़े हैं गरीबों का हक मार के अपनी जेबें भरने में लग जाते हैं।
सरकार को इन कोटेदारों पर पैनी नजर के साथ-साथ इसका फीडबैक भी समय-समय पर लेना होगा।
खाद्य पूर्ति अधिकारी पर सब कुछ छोड़ देना सरकार के लिए ‘2022, विधानसभा चुनाव में मुश्किलें खड़ी कर सकता है।